बंगाल और असम चुनाव पर भी असर डालेंगे बिहार इलेक्शन के नतीजे, विपक्ष की जीत से TMC को मिलेगी ताकत
बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार पूरे जोर पर है। ठीक एक सप्ताह बाद पहले चरण के लिए वोट डाले जाएंगे। सत्तारुढ़ जदयू-भाजपा गठबंधन के साथ राजद और कांग्रेस ने भी चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी है। दोनों गठबंधन...
बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार पूरे जोर पर है। ठीक एक सप्ताह बाद पहले चरण के लिए वोट डाले जाएंगे। सत्तारुढ़ जदयू-भाजपा गठबंधन के साथ राजद और कांग्रेस ने भी चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी है। दोनों गठबंधन किसी भी कीमत पर एक-दूसरे को शिकस्त देना चाहते हैं। क्योंकि, उनकी हार-जीत बिहार के साथ कई दूसरे प्रदेशों के चुनाव का भी रुख तय करेगी।
पश्चिम बंगाल, केरल, असम और तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे पश्चिम बंगाल और असम चुनाव का रुख तय करेंगे। यही वजह है कि भाजपा जहां जीत के लिए पूरी ताकत झोंक रही है, वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नजर राजद-कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन पर है। वहीं, असम में कांग्रेस-भाजपा में मुकाबला है।
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पिछले लोकसभा चुनाव में जबरदस्त जीत के बाद भाजपा सिर्फ हरियाणा में किसी तरह सत्ता तक पहुंचने में सफल रही है। दिल्ली चुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में भाजपा बिहार में अपनी सत्ता गंवाती है, तो बंगाल में ममता बनर्जी को अपनी सरकार बचाए रखना ज्यादा मुश्किल नहीं होगा। भाजपा जीतती है, तो बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की चुनौती बढ़ जाएगी।
पश्चिम बंगाल में हिंदी भाषियों की तादाद करीब 13 फीसदी है। इनमें उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों की संख्या लगभग 8 प्रतिशत है। यह मतदाता क्षेत्रीय दलों के बजाए राष्ट्रीय पार्टियों को वोट करते हैं। जब तक बंगाल में कांग्रेस मजबूत थी हिन्दी भाषी कांग्रेस के साथ थे। कांग्रेस के कमजोर होने और भाजपा के पकड़ मजबूत करने से यह वोट उसके साथ जुड़ गया है।
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यही वजह है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिन्दी भाषी खास कर बिहारी मतदाताओं में सेंध लगाने की कोशिश कर रही हैं। इसके लिए उन्होंने पार्टी में हिन्दी सेल के साथ छठ पूजा का आयोजन शामिल हैं। ऐसे में कुछ तृणमूल कांग्रेस को उम्मीद है कि वह हिन्दी भाषी मतदाताओं में सेंध लगाने में सफल रहेगी। पर बिहार में भाजपा की जीत उसकी मुश्किल बढ़ा सकती है।
बिहार चुनाव परिणाम का असर असम विधानसभा चुनाव पर भी होगा। चुनाव में जदयू-भाजपा गठबंधन जीतता है, तो पार्टी को चुनाव में बढ़त मिल जाएगी। वहीं, कांग्रेस-राजद गठबंधन जीतता है, तो कांग्रेस के लिए भाजपा सरकार को घेरना आसान होगा। क्योंकि, बिहार की तरह असम में भी कांग्रेस लेफ्ट पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।