चुनावी आहट के बीच बिहार का राजनीतिक पारा चढ़ता जा रहा है। महागठबंधन से अलग होने की राह पर चल पड़ी रालोसपा भाजपा से भी नजदीकियां बढ़ा रही है। जानकारी के मुताबिक पार्टी नेताओं के साथ बैठक करने से पहले रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने बिहार भाजपा प्रभारी भूपेन्द्र यादव से बातचीत की है। सूत्रों के अनुसार दोनों नेताओं के बीच हाल के दिनों में दो-तीन दौर की बातचीत हो चुकी है।
बातचीत में उपेन्द्र ने स्वीकार किया है कि महागठबंधन में उनकी अहमियत कम आंकी जा रही है। सीटों की कौन कहे, संख्या के मसले पर भी बातचीत शुरू नहीं हुई है। कई बार उपेन्द्र कुशवाहा ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मिलकर बातचीत करने की कोशिश की लेकिन वे नाकामयाब रहे। मजबूरी में उनकी पार्टी के नेताओं को राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से बातचीत करनी पड़ी। इसी क्रम में भाजपा नेता से इनकी बातचीत को इनकी फिर से एनडीए में वापसी से जोड़कर भी देखा जा रहा है। हालांकि रालोसपा का एक धड़ा अकेले लड़ने या तीसरा मोर्चा बनाकर कुछ और दलों के साथ चुनाव लड़ने का भी परामर्श दे रहा है।
तेजस्वी के अहंकार से टूट के कगार पर महागठबंधन : जदयू
जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने आरोप लगाया कि तेजस्वी प्रसाद यादव के अहंकार की वजह से महागठबंधन टूट के कगार पर पहुंच गया है। कहा कि तेजस्वी यादव की स्वीकार्यता न तो जनता के बीच है और न ही उनकी पार्टी के बड़े नेताओं में है। कार्यकर्ताओं में भी उनकी साख घट रही है। गठबंधन के साथी भी उन्हें गंभीरता से लेने के लिए तैयार नहीं है। कहा कि श्री यादव के अहंकार ने महागठबंधन में बिखराव की जो प्रक्रिया है उसको काफी तेज कर दिया है। कहा कि महागठबंधन को उसके ही एक घटक दल ने आईसीयू में बताया है और समझा जा सकता है कि किस कदर सीटों के तालमेल को लेकर महागठबंधन में घमासान मचा हुआ है और कोहराम की स्थिति है।