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पूर्वी बिहार की 16 सीटों पर पहले चरण के लिए सजे मैदान, इन टीमों में सुपर ओवर की तरह होगी टक्कर

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 को लेकर पूर्वी बिहार की 16 सीटों पर पहले चरण में होने वाले चुनाव के लिए मैदान सज चुका है। एनडीए बनाम महागठबंधन का यह मुकाबला फिलहाल बराबरी पर है। 28 तारीख को होने वाला मतदान...

पूर्वी बिहार की 16 सीटों पर पहले चरण के लिए सजे मैदान, इन टीमों में सुपर ओवर की तरह होगी टक्कर
भागलपुर। भवेश चंदSun, 25 Oct 2020 07:19 AM
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बिहार विधानसभा चुनाव 2020 को लेकर पूर्वी बिहार की 16 सीटों पर पहले चरण में होने वाले चुनाव के लिए मैदान सज चुका है। एनडीए बनाम महागठबंधन का यह मुकाबला फिलहाल बराबरी पर है। 28 तारीख को होने वाला मतदान मैदान के महारथियों के लिए सुपर ओवर की तरह होगा। यानी फैसलाकुन। 

दरअसल, 16 सीटों में अभी आठ पर एनडीए और आठ पर महागठबंधन का कब्जा है। जदयू-भाजपा अपनी सरकार बनाए रखने के लिए आठ से कम होना पसंद नहीं करेगी और राजद-कांग्रेस सरकार बनाने की चाहत में आठ से ज्यादा का स्कोर जरूर करना चाह रही। राज्य के मुखिया को चुनने के लिए हो रहे मतदान में राष्ट्र के मुखिया भी एक ओवर कर चुके हैं। 

पहले चरण में पांच जिलों की 16 सीटों पर चुनाव
पहले चरण में यहां चार जिलों जमुई, लखीसराय, बांका, मुंगेर की 14 सीटें और भागलपुर की दो सीटें कहलगांव व सुल्तानगंज के लिए मतदान होगा। मतदान से ठीक पहले मैदान का मुजाहिरा कर रहे मतदाता अभी सबकी सुन रहे हैं। मन ही मन गुन रहे हैं। इनके मिजाज को भांपते हुए दलों के कप्तानों ने खिलाड़ियों की अदला-बदली भी की है। झाझा की सीट बीजेपी ने जदयू को दे दी है। लगा कि सामने वाले गेंदबाज को झेलने में बीजेपी को दिक्कत होनी है। राजद ने मुंगेर में अपना प्लेयर चेंज कर लिया है। बेटिकट प्लेयर खेल खराब करने पर आमादा हैं।  

असली खेल तो बाउंड्री पर 
पूवी बिहार के दो जिलों में दोनों दलों का जोर ज्यादा है। जमुई और बांका, दोनों ही जिले झारखंड की बाउंड्री से लगते हैं। जमुई की चार सीटों में अभी एनडीए के पास मात्र एक है। महागठबंधन से सीटें झटकने के लिए वायदों के बाउंसर फेंके जा रहे हैं। झाझा को अनुमंडल बना देंगे। चकाई में जलाशय का काम पूरा होगा। जमुई में बायपास का निर्माण करा देंगे। वगैरह, वगैरह। असली खेल यहीं होगा। नरेंद्र सिंह गुस्से में है। दोनों पुत्रों को रण में भेज चुके हैं। दो सीटों पर ये पासा पलटने को बेताब हैं। कोई जीरो पर हिट विकेट हो जाए तो आश्चर्य नहीं। बांका की पांच सीटों में तीन एनडीए के पास है। कड़े टक्कर में अपना पलड़ा भारी करने को दोनों बेताब हैं। कहते हैं कि कुछ बोरो प्लेयर उतरे नहीं, उतारे गए हैं। बेलहर उपचुनाव में मिले दर्द को जदयू भूला नहीं है। राजद से फिर सीट छीनने की बेताबी साफ दिख रही।  

लखीसराय में दो सीटें हैं। मंत्री विजय सिन्हा कुछ गांवों में विरोध झेल चुके हैं। बेहद सतर्क हो गए हैं। सूर्यगढ़ा को वही पसंद है जो अनुमंडल का दर्जा दिलाने में सक्षम हो। यानी यहां के मतदाता हवा का रुख भांप रहे हैं। मुंगेर में राजद ने अपनी एकमात्र सीट के खिलाड़ी को चेंज किया है। नए खिलाड़ी को पुराने खिलाड़ी से ही ज्यादा खतरा है। एनडीए निश्चिंत है कि कोटे की दो सीटें हाथ में रह जाए। तीसरी हाथ लग जाए तो सोने पे सुहागा। यहां कुछ धनपति बिना दल के दांव आजमा रहे हैं।

रिकॉर्ड बुक में पीढ़ियों का बदलाव 
यह चुनाव पीढ़ियों के बदलाव के लिए भी रिकॉर्ड बुक में दर्ज होगा।  अमरपुर विधायक जनार्दन मांझी ने अपना तरकश पुत्र जय कुशवाहा को दे दिया है। कहलगांव में भी सदानंद सिंह ने रिटायरमेंट लेकर पुत्र शुभानंद को मैदान मारने की इजाजत दे दी। जयप्रकाश के भाई विजय प्रकाश तो मैदान में थे ही, अब उनकी पुत्री दिव्या प्रकाश भी मैदान में आ गई हैं। यानी इस परिवार की अगली पीढ़ी अब राजनीति के मैदान में दस्तक दे चुकी है। माता-पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए श्रेयसी ने गेम चेंज कर लिया है। निशाना लगाएंगी, मगर गन से नहीं जन के मन पर। भाजपा इनको गेमचेंजर मानकर बैठी है।

पूर्वी बिहार की इन सीटों पर पहले चरण में मतदान 
सीटें     जिला 
05     बांका 
04     जमुई 
02     लखीसराय 
02     भागलपुर 
04     मुंगेर
 

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