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Hindi News विधानसभा चुनाव बंगाल चुनाव 2021क्यों बंगाल में कांग्रेस-वाम को टारगेट नहीं कर रही भाजपा, त्रिकोणीय मुकाबले से किसे ज्यादा फायदा? जानें सियासी गणित

क्यों बंगाल में कांग्रेस-वाम को टारगेट नहीं कर रही भाजपा, त्रिकोणीय मुकाबले से किसे ज्यादा फायदा? जानें सियासी गणित

पश्चिम बंगाल में भाजपा के बड़े दावे 'अबकी बार 200 पार' का दारोमदार त्रिकोणीय संघर्ष पर टिका हुआ है। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है तृणमूल कांग्रेस से सीधे मुकाबले की बजाय...

क्यों बंगाल में कांग्रेस-वाम को टारगेट नहीं कर रही भाजपा, त्रिकोणीय मुकाबले से किसे ज्यादा फायदा? जानें सियासी गणित
विशेष संवाददाता,नई दिल्लीWed, 10 Mar 2021 06:11 AM
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पश्चिम बंगाल में भाजपा के बड़े दावे 'अबकी बार 200 पार' का दारोमदार त्रिकोणीय संघर्ष पर टिका हुआ है। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है तृणमूल कांग्रेस से सीधे मुकाबले की बजाय त्रिकोणीय संघर्ष उसके लिए ज्यादा फायदेमंद साबित होगा। यही वजह है कि राज्य में पार्टी के अधिकांश प्रचारक कांग्रेस-वाममोर्चा के गठबंधन के बजाय ममता बनर्जी पर ज्यादा निशाना साध रहे हैं।

भाजपा का अबकी बार 200 पार का नारा
पश्चिम बंगाल में बीते लोकसभा चुनाव को छोड़ दिया जाए तो भाजपा को वहां पर कभी भी महत्वपूर्ण पार्टी नहीं माना गया। पिछले विधानसभा चुनाव में भी उसे मात्र तीन सीटें ही मिली थी। इसके बावजूद वह इस बार सत्ता की सबसे प्रबल दावेदार बनकर उभरी है। इसकी वजह 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली भारी सफलता है, जबकि उसने 18 लोकसभा सीटों पर कब्जा किया था। अब विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी ने अबकी बार 200 पार का नारा दिया है। 294 सदस्यीय विधानसभा में यह एक बेहद महत्वाकांक्षी लक्ष्य है।

भाजपा तेजी से आगे बढ़ेगी
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ेगा, भाजपा और तेजी से आगे बढ़ेगी। इस नेता का मानना है कि राज्य में त्रिकोणीय संघर्ष हो रहा है, जिसका लाभ भाजपा को मिलेगा। तृणमूल कांग्रेस से सीधा मुकाबला होने पर भाजपा को बहुत ज्यादा सफलता नहीं मिल पाएगी, लेकिन त्रिकोणीय संघर्ष होने पर उसे बड़ा लाभ मिल जाएगा। भाजपा विरोधी वोटों का जितना ज्यादा बंटवारा होगा, पार्टी को उतना लाभ होगा। अभी तक के विभिन्न अनुमानों में भाजपा को लगभग 40 फीसद वोट मिलने का अनुमान है, जबकि तृणमूल कांग्रेस उससे आगे है।

ऐसे में कांग्रेस और वाम मोर्चा गठबंधन अगर मजबूती से चुनाव लड़ता है तो भाजपा विरोधी वोटों का विभाजन होगा। पार्टी की चुनावी रणनीति में इसे बड़ा फैक्टर माना जा रहा है। पार्टी के प्रचार कर रहे नेता भी राज्य में कांग्रेस-वाम मोर्चा के बजाय तृणमूल कांग्रेस पर ही ज्यादा निशाना साध रहे हैं।

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