पैदल मार्च, शंखनाद, 'वंदे मातरम'... बहुत खास थी ममता बनर्जी की आज की रैली, देखें VIDEO
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी आज पूरे रंग में दिखीं। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर बंगाल की राजधानी कोलकाता में उन्होंने न सिर्फ पैदल मार्च...
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी आज पूरे रंग में दिखीं। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर बंगाल की राजधानी कोलकाता में उन्होंने न सिर्फ पैदल मार्च किया, बल्कि मंच से जमकर नारे लगाए। इससे पहले उन्होंने शंखनाद कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ हल्ला-बोल दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बंगाल दौरे से पहले ममता बनर्जी ने कोलकाता की सड़कों पर पैदल मार्च कर अपने मंसूबे साफ कर दिया। इस दौरान उन्होंने शक्ति प्रदर्शन कर विरोधियों को साफ संदेश दे दिया है।
ममता बनर्जी की आज की रैली थोड़ी सी अलग दिखी। हालांकि वह पैदल मार्च इससे पहले भी करती आई हैं, लेकिन शंखनाद और मंच से नारेबाजी ऐसी बाते शायद ही अक्सर दिखते हों। आज कोलकाता में रैली के दौरान उन्होंने कहा कि आज जो बंगाल सोचता है भारत वह काल सोचता है। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से नारे भी लगवाए।
#WATCH | West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee raises slogans while commemorating the 125th birth anniversary of #NetajiSubhashChandraBose, in Kolkata. pic.twitter.com/ye8G1tHD2m
— ANI (@ANI) January 23, 2021
ममता बनर्जी ने मंच से 'जय हिंद, वंदे मातरम्, सुभाष बोस जिंदाबाद, गांधीवाद-सुभाषवाद, जय बांग्ला, इश्वर अल्लाह तेरे नाम, सबके सम्मति दे भगवान' जैसे नारे लगवाए। ममता बनर्जी की यह रैली आज इस मायने में खास थी कि आज ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कोलकाता दौरे पर रहेंगे। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बंगाल दौरा होने वाला है, जिन्होंने अपने पिछले कार्यक्रम में शुभेंदु अधिकारी के हाथों में भगवा थमाया था।
ममता बनर्जी की मांग- कोलकाता सहित देश की हो 4 राजधानी
रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, ''एक समय कोलकाता देश की राजधानी थी, तो एक बार फिर से शहर को भारत की दूसरी राजधानी के रूप में घोषित नहीं किया जाना चाहिए? कोलकाता को देश की दूसरी राजधानी बनानी ही होगी।'' ममता बनर्जी ने टीएमसी सांसदों का यह मुद्दा संसद में उठाने का निर्देश देते हुए कहा, ''आखिर एक राजधानी क्यों होनी चाहिए। देश के हर कोने में एक राजधानी होनी चाहिए और कुल चार राजधानी हों। संसद का सत्र सभी राजधानी में आयोजित किया जाए।''