ममता की मुश्किलें टलीं? सांसद शताब्दी रॉय ने की अभिषेक बनर्जी से मुलाकात, बोलीं- नहीं जा रही दिल्ली, TMC में ही रहूंगी
पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले तृणमूल कांग्रेस (टीमएसी) प्रमुख और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। कुछ ही दिनों के भीतर कई नेताओं के पार्टी छोड़ने...
पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले तृणमूल कांग्रेस (टीमएसी) प्रमुख और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। कुछ ही दिनों के भीतर कई नेताओं के पार्टी छोड़ने के बाद बीरभूम से टीमएसी सांसद शताब्दी रॉय के असंतोष जताने के बाद उन्हें लेकर कई तरह के सवाल खड़े होने लगे थे। लेकिन अभिषेक बनर्जी के साथ उनकी मुलाकात होने के बाद संकट के बादल टलते हुए दिखाई दे रहे हैं। शताब्दी रॉय और अभिषेक बनर्जी के बीच में शुक्रवार को कई घंटों की बात हुई, जिसके बाद रॉय ने कहा कि वह पार्टी नहीं छोड़ रही हैं।
अभिषेक बनर्जी से मुलाकात करने के बाद शताब्दी रॉय ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ''मैं कल दिल्ली नहीं जा रही हूं। मैं तृणमूल कांग्रेस के साथ थी और आगे भी रहूंगी।'' बनर्जी के साथ मुलाकात में उन्होंने कई मुद्दे उठाए। शताब्दी ने कहा, ''जो भी दिक्कतें मैंने उन्हें बताई, उसे उन्होंने एड्रेस किया। इससे मुझे सैटिफैक्शन मिला कि जो मैं चाहती थी, वैसी ही बात हुई है। ममता बनर्जी मुझे पहले भी बुलाती थीं और आगे जब भी बुलाएंगी, मैं जाऊंगी। लेकिन जहां पर मेरा वोटर है, उससे नही मिल पाना मेरा मुद्दा था। यह बात मैंने पहले भी बताई और आज भी बताई।''
शुभेंदु अधिकारी समेत कई टीएमसी नेताओं के पिछले दिनों पार्टी छोड़ने के सवाल पर सांसद रॉय ने कहा कि अगर कोई एक सवाल उठाता है तो हो सकता था कि यह उसकी दिक्कत है, लेकिन अगर दस लोगों ने सवाल खड़े किए हैं तो जरूर कुछ होगा। इन बातों का पार्टी को हल निकालना चाहिए।'' वहीं, इससे पहले तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने भी रॉय से शुक्रवार दोपहर में दक्षिण कोलकाता स्थित उनके आवास पर करीब एक घंटे की मुलाकात की थी।
All those in the party who have problems should raise them. If 10 people in the party raise a problem, then the party should solve it: TMC MP Satabdi Roy in Kolkata pic.twitter.com/VrrSqaA6WC
— ANI (@ANI) January 15, 2021
'बीजेपी नेता मुकुल रॉय ने किया था शताब्दी से सम्पर्क'
प्रवक्ता कुणाल घोष ने रॉय से मुलाकात के बाद के उनके आवास से निकलते हुए कहा था कि शताब्दी रॉय एक पुरानी मित्र हैं। मैं अपनी मित्र से मिलने के लिए आया था। मुझे यह भी पता चला है कि बीजेपी नेता मुकुल रॉय ने उनसे सम्पर्क किया था और उनसे कहा कि वह कल दिल्ली के अपने दौरे के दौरान उनसे मुलाकात करें। वहीं, तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं दमदम से सांसद सौगत रॉय ने कहा कि पार्टी उनकी शिकायतों को दूर करने का प्रयास करेगी और मुद्दों का समाधान करेगी।
'पार्टी कार्यक्रमों के बारे में नहीं बताए जाने से पहुंची पीड़ा'
यह पूरा मामला तब शुरू हुआ था, जब शताब्दी रॉय ने अपनी एक फेसबुक पोस्ट में दावा किया कि उनके संसदीय क्षेत्र में चल रहे पार्टी के कार्यक्रमों के बारे में उन्हें नहीं बताया जा रहा है और इससे उन्हें मानसिक पीड़ा पहुंची है। बीरभूम से तीन बार की सांसद रॉय ने कहा था कि यदि वह कोई फैसला करती हैं तो शनिवार अपराह्न दो बजे लोगों को उसके बारे में बताएंगी। उनकी इस पोस्ट से टीएमसी में हलचल मच गई थी। पार्टी सूत्रों के अनुसार रॉय के बीरभूम जिला टीएमसी प्रमुख अनुव्रत मंडल से मतभेद हैं। रॉय ने अपने फैंस क्लब पेज पर फेसबुक पोस्ट में लिखा था, ''इस संसदीय क्षेत्र से मेरा निकट संबंध है। लेकिन हाल में कई लोग मुझसे पूछ चुके हैं कि मैं पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों से नदारद क्यों हूं। मैं उनको बताना चाहती हूं कि मैं सभी कार्यक्रमों में शरीक होना चाहती हूं लेकिन मुझे मेरे संसदीय क्षेत्र में आयोजित पार्टी कार्यक्रमों की जानकारी नहीं दी जा रही, तो मैं कैसे शरीक हो सकती हूं। इसके चलते मुझे मानसिक पीड़ा पहुंची है।''
एक्ट्रेस से नेता बनी हैं शताब्दी रॉय
बांग्ला फिल्म उद्योग में एक सफल करियर के बाद रॉय राज्य में वाम मोर्चा सरकार के अंतिम वर्षों में राजतनीति में आ गई थीं। रॉय 2009 में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर बीरभूम से चुनाव जीती थीं। वह 2014 और 2019 में भी इस सीट से जीती थीं। रॉय के अलावा टीएमसी के एक और वरिष्ठ नेता एवं राज्य के मंत्री राजीव बनर्जी ने भी एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कहा है कि वह शनिवार को दोपहर में फेसबुक लाइव के जरिए अपने अगले कदम के बारे में बताएंगे। बनर्जी ने भी पार्टी से दूरी बना रखी है। वहीं, मालूम हो कि 19 दिसंबर को तृणमूल कांग्रेस से शुभेंदु अधिकारी पार्टी के 35 अन्य नेताओं के साथ शाह की मेदिनीपुर में रैली के दौरान भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा का दामन थामने वाले इन 35 नेताओं में पांच विधायक और एक सांसद शामिल थे।