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Hindi News विधानसभा चुनाव असम चुनाव 2021हिमंत बिस्वा सरमा या सर्बानंद सोनोवाल? असम में दोबारा जीत के बाद भी सीएम को लेकर उलझन में बीजेपी

हिमंत बिस्वा सरमा या सर्बानंद सोनोवाल? असम में दोबारा जीत के बाद भी सीएम को लेकर उलझन में बीजेपी

असम में भाजपा गठबंधन ने स्पष्ट बहुमत के साथ जीत हासिल कर अपनी सरकार तो बरकरार रखी है, लेकिन अब उसके सामने मुख्यमंत्री चुनने की बड़ी चुनौती है। भाजपा नेता सर्बानंद सोनोवाल निवर्तमान मुख्यमंत्री हैं,...

हिमंत बिस्वा सरमा या सर्बानंद सोनोवाल? असम में दोबारा जीत के बाद भी सीएम को लेकर उलझन में बीजेपी
रामनारायण श्रीवास्तव,नई दिल्लीTue, 04 May 2021 06:19 AM
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असम में भाजपा गठबंधन ने स्पष्ट बहुमत के साथ जीत हासिल कर अपनी सरकार तो बरकरार रखी है, लेकिन अब उसके सामने मुख्यमंत्री चुनने की बड़ी चुनौती है। भाजपा नेता सर्बानंद सोनोवाल निवर्तमान मुख्यमंत्री हैं, लेकिन पार्टी ने चुनाव में उनका चेहरा आगे नहीं किया था। इसकी वजह प्रदेश के मंत्री और वरिष्ठ नेता हिमंत बिस्वा सरमा की दावेदारी रही थी और पार्टी चुनाव में कोई गुटबाजी नहीं चाहती थी।

असम के चुनाव नतीजे आने के बाद भाजपा में जश्न का माहौल तो है, लेकिन उसके सामने अब मुख्यमंत्री चुनना एक बड़ी चुनौती है। इसकी एक बड़ी वजह मौजूदा मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को चुनाव में चेहरा न बनाना रहा है। राज्य में हिमंत बिस्वा सरमा की प्रबल दावेदारी को देखते हुए भाजपा ने सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ा था। अब जबकि पार्टी ने सत्ता बरकरार रखी है, तब उसके सामने सर्बानंद सोनोवाल को फिर से मुख्यमंत्री बनाना काफी मुश्किल भरा होगा।

बिस्वा सरमा ने दिए संकेत
भाजपा नेतृत्व पहले ही साफ कर चुका है कि नतीजे आने के बाद केंद्रीय नेतृत्व नए मुख्यमंत्री का फैसला करेगा। यही वजह है कि नतीजे आने के बाद हिमंत बिस्वा सरमा ने साफ कर दिया कि पार्टी का केंद्रीय संसदीय बोर्ड नए मुख्यमंत्री का चुनाव करेगा। इससे उन्होंने साफ संकेत दिए कि उनकी मजबूत दावेदारी है। हालांकि, पार्टी में मुख्यमंत्री को लेकर एक राय नहीं है। राज्य में भाजपा संगठन के पुराने नेता सोनोवाल को उनकी स्वच्छ छवि और पांच साल के कार्यकाल के आधार पर आगे रखना चाहते हैं, लेकिन हिमंत बिस्वा सरमा की रणनीतिक सफलता और पूरे पूर्वोत्तर में उनकी भूमिका को देखते हुए पार्टी के लिए उनको नजरअंदाज करना मुश्किल होगा।

पूर्वोत्तर की रणनीति में अहम
गौरतलब है कि 2016 के विधानसभा चुनाव के पहले जब हिमंत बिस्वा सरमा कांग्रेस छोड़कर भाजपा के साथ आए थे, तब भी वह मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में शामिल थे, लेकिन तब पार्टी ने सर्बानंद सोनोवाल को आगे रखा था। उन्हें ही मुख्यमंत्री बनाया था। तब से पांच साल में स्थितियां बदली हैं और हिमंत बिस्वा सरमा ने असम ही नहीं, समूचे पूर्वोत्तर में अपनी रणनीति से भाजपा को कई राज्यों में अहम सफलताएं भी दिलवाई हैं। यही वजह है कि हिमंत सरमा इस बार खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं।

केंद्र में आएंगे सोनोवाल?
सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व ने भी चुनाव के पहले से ही यह मन बना रखा है कि भाजपा की सत्ता बरकरार रखने पर हिमंत बिस्वा सरमा को आगे बढ़ाया जाएगा। ऐसे में इस बात की प्रबल संभावना है कि पार्टी इस बार सरमा को मुख्यमंत्री बनाए और सर्बानंद सोनोवाल को फिर से केंद्रीय राजनीति में लेकर आए। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री बनने के पहले सर्बानंद सोनोवाल केंद्र सरकार में मंत्री रह चुके हैं।

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