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प्रेग्नेंसी के बाद बढ़ा वजन धीरे-धीरे होगा कम

गर्भावस्था एक ऐसा दौर होता है, जिसमें परिवार के सभी सदस्यों का स्नेह व प्यार घी, मक्खन, दूध व मेवे आदि पौष्टिक व वसा युक्त आहार के रूप में मिलता है। जिसका परिणाम, बच्चे के जन्म के बाद महिला को बढ़े...

प्रेग्नेंसी के बाद बढ़ा वजन धीरे-धीरे होगा कम
हिन्दुस्तान फीचर टीम,नई दिल्लीWed, 17 Jan 2018 02:15 PM
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गर्भावस्था एक ऐसा दौर होता है, जिसमें परिवार के सभी सदस्यों का स्नेह व प्यार घी, मक्खन, दूध व मेवे आदि पौष्टिक व वसा युक्त आहार के रूप में मिलता है। जिसका परिणाम, बच्चे के जन्म के बाद महिला को बढ़े हुए वजन व पेट पर इकट्ठा चर्बी के रूप में झेलना पड़ता है। गर्भावस्था के दौरान बढ़े हुए वजन को कम करना एक नई मां के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होता।
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. गुंजन कक्कर बताती हैं, ‘पेट का मोटापा दो तरह का होता है, एक तो आंतरिक मोटापा और दूसरा त्वचा के नीचे का मोटापा। आंतरिक मोटापा आपके आंतरिक अंगों के आस-पास होता है, जिसे आप देख नहीं सकतीं, लेकिन वास्तव में यह बहुत हानिकारक होता है। त्वचा के नीचे का मोटापा आपकी त्वचा की सतह के नीचे होता है जो आपको पूरी तरह से दिखाई देता है। वहीं, गर्भावस्था में गर्भाशय के बढ़ने की वजह से भी पेट बढ़ जाता है। गर्भावस्था के बाद इस मोटापे को कम करना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि जो वसा 9 महीने में इकट्ठा होती है, उसे कम करने में भी अच्छा-खासा वक्त लगता है। हालांकि कुछ महिलाओं में यह मोटापा अपने आप ही कम हो जाता है, जबकि ज्यादातर महिलाओं को बच्चे के जन्म के बाद पेट पर इकट्ठा वसा को कम करने के लिए अच्छी-खासी मशक्कत करनी पड़ती है।’ 

संतुलित आहार सबसे जरूरी
सबसे पहले तो बच्चे के जन्म के तुरंत बाद आहार में परिवर्तन जरूरी है। डाइटीशियन की मदद से सही व संतुलित आहार लें, ताकि आपके शरीर को आवश्यक पोषक तत्व भी मिले और वजन भी न बढ़े। तले-भुने खानपान से परहेज करें।  उबला हुआ या बेक्ड भोजन खाएं। साथ ही वसा रहित डेयरी प्रोडक्ट, घी की जगह कैनोला ऑयल और ऑलिव ऑयल आदि का सेवन करें। 

स्तनपान करायें
स्तनपान करवाना जितना आपके बच्चे के लिए फायदेमंद होता है, उतना ही आपके लिए भी है। जब एक मां स्तनपान कराती है, तो उसके शरीर में मौजूद वसा व कैलरी खुद-ब-खुद कम होती है और इस प्रक्रिया में गर्भाशय का संकुचन होता है, जिससे पेट पर इकट्ठा वसा कम होने लगती है।

जंक फूड किसी काम के नहीं 
चिप्स, चॉकलेट, सोडा और कैंडी आदि कुछ ऐसी चीजें होती हैं, जिनमें सिर्फ कैलरी होती है, पोषण नहीं। ऐसी चीजों के सेवन से बचें। साथ ही कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों के बहुत ज्यादा सेवन से बचें, क्योंकि कार्बोहाइड्रेट पचने के बाद तो शुगर में परिवर्तित हो जाता है। इससे शरीर में वसा की मात्रा बढ़ती है और वजन बढ़ने लगता है। 

मसाज आएगा काम
बच्चे के जन्म के बाद कुछ दिनों तक नियमित रूप में मसाज करवाना जरूरी होता है, क्योंकि इससे न सिर्फ दिमाग और मस्तिष्क को आराम मिलता है, बल्कि वजन कम करने में मदद मिलती है। शरीर के जिन भागों में अधिक चर्बी होती है, उन भागों में मसाज कराने से वहां इकट्ठा वसा कम होती है। दूसरा, मसाज करने से शरीर का मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है। मेटाबॉलिज्म जितना अच्छा होता है, वजन कम करना उतना ही आसान हो जाता है।

व्यायाम को न भूलें
जब बात आती है वजन कम करने की तो व्यायाम से बेहतर कोई विकल्प नहीं। पर, बच्चे के जन्म के बाद डॉक्टरी सलाह से ही व्यायाम शुरू करें। शुरुआत हमेशा हल्के-फुल्के व्यायाम से करें। वहीं, यदि आपकी डिलीवरी ऑपरेशन के द्वारा हुई है तो वजन घटाने के लिए एक्सरसाइज करने की जल्दबाजी न करें। ऑपरेशन से उबरने के लिए शरीर को पर्याप्त वक्त दें। 

गर्म पानी भी आएगा काम
प्रतिदिन सुबह गर्म पानी पीने से सभी विषाक्त पदार्थ शरीर से बाहर निकल जाते हैं। शरीर का तापमान भी बढ़ता है, जिससे मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है। मेटाबॉलिज्म बेहतर होने से अधिक कैलोरी बर्न होती है क्योंकि गर्म पानी पीने से वसा के उत्तकों को टूटने में मदद मिलती है।

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