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प्रेग्नेंसी के बाद स्ट्रेच मार्क्स से ऐसे मिलेगी छुट्टी

नए जीवन की आहट, तमाम एहतियात की लिस्ट, सही आहार, नियमित व्यायाम...इन सबके साथ-साथ गर्भावस्था त्वचा के सही देखभाल की भी मांग करता है। शरीर में हो रहे ढेरों हार्मोनल बदलावों का असर हमारी त्वचा पर भी...

प्रेग्नेंसी के बाद स्ट्रेच मार्क्स से ऐसे मिलेगी छुट्टी
हिन्दुस्तान फीचर टीम,नई दिल्लीMon, 29 Jan 2018 02:38 PM
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नए जीवन की आहट, तमाम एहतियात की लिस्ट, सही आहार, नियमित व्यायाम...इन सबके साथ-साथ गर्भावस्था त्वचा के सही देखभाल की भी मांग करता है। शरीर में हो रहे ढेरों हार्मोनल बदलावों का असर हमारी त्वचा पर भी स्पष्ट रूप से नजर आने लगता है। यह बात सही है कि अच्छी डाइट व इन्हीं हार्मोनल बदलावों के कारण गर्भावस्था के दौरान त्वचा और बाल दोनों की ही सेहत दुरुस्त हो जाती है। पर, गर्भावस्था के दौरान त्वचा से जुड़ी एक और आम समस्या है, जिससे बहुत कम महिलाएं ही बच पाती हैं। वह समस्या है, स्ट्रेच मार्क्स की। एक अध्ययन के मुताबिक गर्भावस्था के छठे से लेकर सातवें माह तक में लगभग 90 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को यह समस्या झेलनी पड़ती है। सैन्य अस्पताल में डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. गरिमा के मुताबिक, ‘स्ट्रेच मार्क्स से बचने की तैयारी गर्भावस्था की शुरुआत से ही करनी चाहिए। यूं तो इसे पूरी तरह से रोक पाना मुश्किल है, लेकिन कुछ एहतियात बरत कर इनकी सघनता को कम किया जा सकता है। डिलीवरी के बाद यह ज्यादा नजर आने लगते हैं। कई बार यह कुछ समय के भीतर हल्के होने लगते हैं, लेकिन कुछ मामलों में इन्हें गायब होने में पांच से छह साल का समय भी लग सकता है। गर्भवती महिलाएं त्वचा की सही देखभाल के जरिए इनसे निपटने का प्रयास कर सकती हैं। वैसे, एक सच्चाई यह भी है कि इसे लेकर मन में कोई हीन भावना नहीं पालनी चालिए।’
अधिकांश मेडिकल विशेषज्ञों का मानना है कि आप कितना भी एहतियात बरत लें, लेकिन अगर आप में अनुवांशिक तौर पर स्ट्रेच माक्र्स होने की प्रवृति होगी तो इन्हें होने से रोका नहीं जा सकता। ऐसा इसलिए, क्योंकि आपके जीन यह तय करते हैं कि आपकी त्वचा कितनी खिंच सकती है, जितना ज्यादा खिंचाव आपका शरीर आसानी से बर्दाश्त कर सकता है, स्ट्रेच माक्र्स होने की आशंका उतनी कम होती है। 

क्या होते हैं स्ट्रेच मार्क्स?
जब आपका शरीर सामान्य तौर पर बढ़ता है तो त्वचा भी शरीर के विकास के हिसाब से फैलती है। हालांकि अगर आपका वजन अचानक तेजी से बढ़ जाए तो भी त्वचा के लिए उससे मेल बिठा पाना मुश्किल हो जाता है। इस प्रक्रिया में त्वचा के नीचे मौजूद फाइबर टूट जाते हैं, जिससे स्ट्रेच माक्र्स हो जाते हैं। गर्भावस्था के दौरान भी यही होता है। गर्भावस्था के नौ महीने में एक गर्भवती महिला का वजन औसतन 15-20 किलोग्राम तक बढ़ जाता है। इसमें अधिकांश वसा पेट के आसपास वाले हिस्से में बढ़ती है। यही वजह है कि गर्भावस्था में सबसे ज्यादा स्ट्रेच माक्र्स पेट के आसपास वाले हिस्से में ही नजर आता है। अगर आप किसी तरह से अपनी त्वचा को ज्यादा से ज्यादा खींचने में मदद कर पाती हैं तो आपको स्ट्रेच माक्र्स उतने ही कम होंगे। कैसे स्ट्रेच माक्र्स से बचें, आइए जानें:

करें इस ब्रश का इस्तेमाल
एक अच्छा ड्राई ब्रश (बहुत ही मुलायम वाला) खरीदें और पेट पर नीचे से ऊपर की तरफ उसका प्रयोग करें। स्ट्रेच माक्र्स से छुटकारा पाने का यह एक उपयोगी और प्राकृतिक तरीका है। ड्राई ब्रश त्वचा को एक्सफोलिएट करने के साथ ही उसे स्वस्थ भी रखेगा। नहाने से पहले स्ट्रेच माक्र्स वाले हिस्से पर नीचे से ऊपर की ओर हल्के हाथों से ब्रश को रगड़ें, नहाएं और तुरंत उस हिस्से में कोको बटर या तेल लगाएं। नियमित इस्तेमाल प्रभावी साबित होगा।

कोको या शिया बटर का इस्तेमाल 
स्ट्रेच माक्र्स से बचने या उन्हें कम करने के लिए कोको बटर या शिया बटर का इस्तेमाल प्रभावी  होता है। किसी अच्छे ब्रांड का कोको बटर या शिया बटर खरीदें और हल्के हाथों से अपने पेट पर  लगाएं। गर्भावस्था की दूसरी तिमाही शुरू होते ही इसका इस्तेमाल करना आरंभ कर दें।

रसायनों से करें तौबा 
कई ब्रांड दावा करते हैं कि उनके प्रोडक्ट स्ट्रेच माक्र्स से बचाव करते हैं। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इनमें से ज्यादातर ब्रांड के दावे झूठे होते हैं और इनके चक्कर में फंसने से बचना चाहिए। इसके साथ ही ऐसे उत्पादों से बचने की कोशिश करें जिनमें सल्फेट होता है। क्योंकि सल्फेट त्वचा को शुष्क बनाने के साथ ही त्वचा के खिंचाव को कम करता है।

 

आहार की भूमिका है अहम
सेहतमंद भोजन का सेवन भी स्ट्रेच माक्र्स की रोकथाम में मदद करता है। गर्भावस्था के दौरान आप क्या-क्या खा रही हैं, इसपर नजर रखना जरूरी है। एक संतुलित आहार की मदद से आप अपनी त्वचा को और लचीला बना सकती हैं। संतुलित मात्रा में पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लें ताकि शरीर को सभी जरूरी पोषण तो मिले, पर वजन संतुलित मात्रा में ही बढ़े। अपने आहार में ज्यादा से ज्यादा विटामिन सी (ब्रोकली, अमरूद, नीबू आदि) युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें। इससे शरीर में कॉलेजन व कार्टिलेज का निर्माण ज्यादा मात्रा में होता है। यह दोनों ही त्वचा का लचीलापन बढ़ाते हैं। खाने में जिंक (ड्राई फ्रूट, चिकन, अंडा और साबुत अनाज आदि) शामिल करके भी आप कॉलेजन बढ़ा सकती हैं। साथ ही इससे फ्री रैडिकल से होने वाले नुकसान को भी रोका जा सकता है। ज्यादा विटामिन ई (हरी सब्जियों में) को डाइट में शामिल करके भी आप त्वचा को सेहतमंद बना सकती हैं। वहीं विटामिन ए युक्त खाद्य पदार्थ जैसे गाजर, शकरकंद आदि की मदद से आप अपनी त्वचा को तंदुरुस्त रख सकती हैं। 

तरल पदार्थों से बढ़ाएं दोस्ती
त्वचा को लचीला बनाने और शरीर को सेहतमंद रखने के लिए पानी व अन्य तरल पदार्थ भी भरपूर मात्रा में पिएं। ज्यादा पानी पीने से शरीर से सभी विषैले पदार्थ बाहर निकल जाएंगे।  रोजाना आठ से 10 ग्लास पानी पिएं। खाने में खीरा और तरबूज जैसे फल शामिल करें। इसके अलावा नियमित रूप से हल्के-फुल्के व्यायाम जैसे टहलना, एरोबिक्स  व योगासन आदि भी एक्सपर्ट की निगरानी में करें। गर्भावस्था में भी नियमित रूप से व्यायाम करने से रक्तसंचार बेहतर होगा और त्वचा का लचीलापन बढ़ेगा।

नियमित रूप से तेल लगाएं
तेल त्वचा को बेहतरीन तरीके से नमी प्रदान करता है। इनमें एंटीऑक्सिडेंट्स भी होते हैं, जो त्वचा को होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं। स्ट्रेच माक्र्स से बचने के लिए सबसे अच्छे तेलों में नारियल का तेल, विटामिन ई ऑयल, बादाम का तेल आदि हैं। आप अपनी सुविधा के अनुसार  इनमें से किसी एक तेल का चुनाव करें और सुबह नहाने के बाद और रात में सोने से पहले पेट और जांघों पर लगाएं। अगर दिन में त्वचा में खुजली महसूस होती हो तो दिन भर में दो की जगह चार बार तेल लगाएं और इस दौरान पेट पर दबाव न डालें।

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