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उदासियां आप पर नहीं बोलेंगी हमला

सर्दियों का मौसम वैसे तो बहुत शानदार होता है। वो अदरक वाली चाय, वो धूप में बैठ कर रेवड़ी और मूंगफली खाना और गर्मागर्म गाजर के हलवे का स्वाद... इनके बारे में सोचकर भी किसी के भी मुंह में पानी आ सकता...

उदासियां आप पर नहीं बोलेंगी हमला
हिन्दुस्तान फीचर टीम,नई दिल्लीMon, 18 Dec 2017 01:49 PM
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सर्दियों का मौसम वैसे तो बहुत शानदार होता है। वो अदरक वाली चाय, वो धूप में बैठ कर रेवड़ी और मूंगफली खाना और गर्मागर्म गाजर के हलवे का स्वाद... इनके बारे में सोचकर भी किसी के भी मुंह में पानी आ सकता है। लेकिन कड़ाके की सर्दी में कुछ दिन ऐसे भी आते हैं, जब सूरज देवता के दर्शन ही मुश्किल हो जाते हैं। ऐसे में अचानक माहौल में नीरसता, सुस्ती और उदासी सी छाने लगती है। अब इसे मौसम का असर ही कहेंगे कि रजाई से बाहर निकलने का दिल ही नहीं करता और अक्सर सेहत नजरंदाज होने लगती है। इन सब बातों का मिल-जुला असर हमारे मूड पर पड़ने लगता है, जिसे विंटर ब्लूज कहा जाता है। या यूं कहिये कि सर्दियों में हमारे स्वभाव में होने वाला यह एक ऐसा परिवर्तन है, जिसकी तरफ अगर ध्यान न दिया जाए तो नुकसान लंबे समय तक झेलना पड़ सकता है। तो आइये आज जरा उन तरीकों पर गौर करें, जिनकी मदद से सर्दियों में होने वाले इस अवसाद से बचा जा सकता है।

रंग-बिरंगे फूल सुधारेंगे मूड
जब बाहर कड़ाके की ठंड पड़ती है, तो घर के अंदर गुनगुनी रजाई से ज्यादा अच्छा कुछ भी नहीं लगता। सर्दी से बचने के लिए मोटे-मोटे पर्दे और कालीन भी निकल आते हैं। खिड़की-दरवाजे अक्सर पूरा-पूरा दिन बंद रखे जाते हैं ताकि बाहर की ठंडी हवा घर में न आ सके और पार्क में वो रोजाना घूमने जाना भी बंद ही हो जाता है। लेकिन क्या हुआ अगर आप पार्क में नहीं जा सकतीं, अपने घर के अंदर ही खूबसूरत फूलों और पौधों के गमले रखिये। इससे न केवल कमरा खिल जायेगा, बल्कि आपका मूड भी अच्छा बना रहेगा। शोध बताते हैं कि हरियाली हमें तनाव मुक्त करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पौधे ना केवल घर के अंदर की हवा को शुद्ध करते हैं, बल्कि उन पर लगे फूल अपनी भीनी-भीनी खुशबू से वातावरण को भी महकाते हैं।

खान-पान से समझौता नहीं  
सर्दियां भरपूर मीठा और देसी घी खाने का एक बढ़िया बहाना है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि लंबे समय तक इतना गरिष्ठ भोजन आपकी साल भर की सेहत बिगाड़ने के लिए काफी है। ऐसा नहीं है कि मीठे और घी से बिलकुल दूरी बना लें, लेकिन थोड़ी सावधानी रखनी जरूरी है। ठंड के मौसम में भूख ज्यादा लगती है और थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ खाने के दिल करता है। यदि स्नैक्स खाने का दिल करे तो पॉपकोर्न या मुट्ठी भर मेवे चबा लीजिये। पेट भी भर जायेगा और शरीर को जरूरी पोषक तत्व भी मिल जायेंगे। चीनी की जगह गुड़ का इस्तेमाल करें। ये आपके शरीर को गर्म भी रखेगा और आपको अपनी मीठा खाने की इच्छा भी नहीं मारनी पड़ेगी। चिप्स की जगह गाजर का सलाद खाइए। चॉकलेट की जगह कोई मीठा फल खा सकती हैं। घी सर्दियों में खाना बहुत जरूरी है, लेकिन अपने नियमित व्यायाम को न भूलें, वरना घी एक्स्ट्रा कैलोरी बन कर शरीर पर ही जमा हो जायेगा।

कसरत के अलावा भी हैं विल्कप
व्यायाम हमारी अच्छी सेहत के लिए कितना जरूरी है, ये हम सब जानते हैं। लेकिन सर्दियों का मौसम ही कुछ ऐसा होता है की अक्सर नियमित व्यायाम करने का दिल नहीं करता। लेकिन परेशान होने की कोई बात नहीं है। बहुत सी ऐसी गतिविधियां हैं, जिन्हें करने का असली मजा ठंड के मौसम में ही आता है। पूरे परिवार के साथ ट्रैकिंग का कार्यक्रम बनाइए। आपको तो मजा आयेगा ही और बच्चों की नजरों में आप सुपर मम्मी भी बन जाएंगी। साइक्लिंग भी एक बढ़िया विकल्प है। सुबह-सुबह जल्दी उठ कर पार्क जाने का दिल नहीं करता तो साइकिल अपने आप में पूरा फिटनेस पैकेज बन सकती है। नियमित रूप से साइकिल चलाने से आप न सिर्फ तरोताजा महसूस करेंगी, बल्कि आपका वजन भी नियंत्रित रहेगा। 

पानी की न हो कमी
सर्दियों में अक्सर प्यास नहीं लगती और इसलिए रोज के जरूरी वो 8 गिलास पानी पीने में हम भी लापरवाही बरत जाते हैं। लेकिन लंबे समय तक कम पानी पीने से उसका विपरीत प्रभाव हमारे शरीर पर दिखने लगता है। त्वचा रूखी होने लगती है और उसका लचीलापन खत्म होने लगता है। इसकी वजह से सुस्ती सी छाई रहती है और होंठ फटने लगते हैं। प्यास न लगने पर भी दिन भर में कम से कम 8 गिलास पानी जरूर पिएं। पानी के अलावा ठंड के मौसम में सूप आदि को भी अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं ताकि शरीर की तरल पदार्थ संबंधी सभी जरूरतें पूरी हो जाएं। पानी न केवल हमारे मेटॉबालिज्म को चुस्त बनाए रखता है, बल्कि शरीर से विषैले तत्व भी बाहर निकालने में मदद करता है। अगर बहुत जल्दी-जल्दी आपको भूख लगती है, तो कुछ खाने की बजाए पहले एक गिलास पानी पीकर देखें। हो सकता है कि आपका शरीर पानी की कमी का संकेत आपको दे रहा हो। इस तरह आप अनावश्यक कैलरी लेने से भी बच जाएंगी। 

शाकाहार का चमत्कार
विभिन्न शोध बताते हैं कि हरी पत्तेदार सब्जियां सेहत के लिए बहुत लाभदायक होती हैं। यह शरीर को जरूरी पोषण देने के अलावा सर्दियों में दिल को होने वाले रोगों से भी हमारी रक्षा करती हैं। पालक जहां आयरन, कैल्शियम और विटामिन-सी का बहुत बढ़िया स्रोत है, वहीं ब्रोकोली एंटीऑक्सीडेंट्स और कैंसर से लड़ने वाले तत्वों से भरी होती है, इसलिए नियमित रूप से हरी सब्जियों को अपनी डाइट का हिस्सा जरूर बनाएं। साथ ही मौसमी फलों को नजरंदाज न करें। हमारी सेहत के साथ-साथ फल हमारे मूड को सुधारने का काम भी करते हैं। अगर आप नॉनवेज की शौकीन हैं, तो इस मौसम में आपको थोड़ी-सी सावधानी जरूर बरतनी चाहिए। दिल के रोगियों को इस मौसम में रेड मीट से परहेज करने के लिए कहा जाता है। पर, चिकन, फिश या अंडों को आप बेझिझक अपनी फूड लिस्ट में शामिल कर सकती हैं। 

 

दोस्त सुधारेंगे मूड
सर्दियों का मतलब यह कतई नहीं होना चाहिये कि आप पूरा दिन बस रजाई में ही दुबकी रहें। रजाई की गर्माहट एक समय तक ही अच्छी लग सकती है, लेकिन फिर इससे भी बोरियत होने लगती है। जिस दिन खिली हुई धूप निकले, उस दिन दोस्तों के साथ पिकनिक का प्रोग्राम बना डालिये और किसी पार्क पर धावा बोल दीजिए। इससे शरीर में विटामिन-डी की कमी तो पूरी हो ही जाएगी, साथ ही मूड भी शानदार हो जाएगा। इसके अलावा अगर आप दोस्तों के साथ घर पर पार्टी रखना चाहती हैं, तो रात को बोन फायर का इंतजाम किया जा सकता है। छत पर कुछ लकड़ियां जलाइये और दोस्तों के साथ आग के चारों ओर घेरा बना कर बैठ जाइये। फिर देखिये पार्टी का यह मूड आपके अपने मूड को किस तरह से बदल देता है। सबसे जरूरी बात, नकारात्मकता का चादर ओढ़कर रहने से बचें। जिंदगी की सकारात्मक बातों पर अपना ध्यान केंद्रित करें। आप जैसा सोचेंगी, जिंदगी भी धीरे-धीरे वैसा ही रुख लेगी। खुश रहना शुरू करेंगी तो खुशियां भी आपकी ओर अपना कदम बढ़ाना शुरू कर देंगी।      

घर को कीजिए व्यवस्थित
इस मौसम में सबसे ज्यादा कोहरे का ही रंग दिखाई देता है, जो धीरे-धीरे एक अजीब सी उदासी भर देता है। इसलिए अपने घर की सजावट को इस मौसम के हिसाब से बदल डालिए। कुछ पीले, गुलाबी और संतरी जैसे खुशनुमा रंगों का इस्तेमाल कमरे की चादरों और कुशन कवर्स के लिए कीजिए। ये रंग ऊर्जावान होने के साथ-साथ गर्म भी होते हैं, इसलिए घर में गर्माहट बनाए रखते हैं। कमरे में बिछाने के लिए आप जो कालीन चुनें वह भी किसी खूबसूरत से चटख रंग का ही चुनें और यही बात परदों पर भी लागू होती है। इससे माहौल की बोरियत खत्म होगी और घर के रंग-रूप को भी नयापन मिलेगा। आप चाहें तो मौसम के हिसाब से घर के फर्नीचर की सेटिंग भी बदल सकती हैं।
 

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