जान न निकाल दे थकान
अमूमन अपने मोबाइल पर चैट में व्यस्त रहने वाले आजकल एक नए काम में जुट गये हैं। लोगों की दिलचस्पी मोबाइल पर आने वाले अप डेट्स से ज्यादा बार-बार मौसम विभाग के अप डेट्स को लेकर दिख रही है। जो ऐसे अपडेट्स...
अमूमन अपने मोबाइल पर चैट में व्यस्त रहने वाले आजकल एक नए काम में जुट गये हैं। लोगों की दिलचस्पी मोबाइल पर आने वाले अप डेट्स से ज्यादा बार-बार मौसम विभाग के अप डेट्स को लेकर दिख रही है। जो ऐसे अपडेट्स नहीं देख पाते, वो बार-बार किसी से पूछते दिखते हैं कि दोस्त देखना आज टेम्प्रेचर कितना है।
अचानक बढ़ते इस पारे ने न केवल लोगों के घर से बाहर जाने पर रोक लगा दी है, बल्कि ढेर सारी परेशानियां भी खड़ी कर दी हंै। गर्मियां अपने साथ सिर्फ तेज धूप ही नहीं लातीं, बल्कि बहुत सारी दूसरी दिक्कतें भी लाती हैं। झुलसा देने वाले लू के थपेड़े सबके हौसले पस्त कर देते हैं। इससे हमारी ऊर्जा इस कदर प्रभावित होती है कि हम थके-थके रहने लगते हैं।
क्यों होती है यह थकान
गर्मियों की थकान या समर फटीग के कई कारण होते हैं, जिनका अगर समय पर इलाज न किया जाए तो समस्या गंभीर बन सकती है। कई बार तो स्थिति घातक भी हो जाती है। अत्यधिक पसीना निकलना, उल्टी, दस्त या शरीर के किसी अंग से रक्त स्राव हो जाने की सूरत में शरीर में पानी का स्तर बहुत कम हो जाता है, जिस कारण शरीर में से जरूरी खनिज और लवण निकल जाते हैं।
खानपान भी है कारण
इतनी भीषण गर्मी में तेज मिर्च-मसालेदार खाना खाने से, बाहर का कुछ तला-भुना खाने से भी पेट खराब हो जाता है और फिर डायरिया, शरीर में पानी की कमी और ब्लड शुगर का स्तर काफी कम हो जाता है। इस वजह से हमेशा एक अजीब सी थकान बनी रहती है और शरीर निढाल सा रहता है। समय रहते इसका इलाज बेहद जरूरी होता है।
ऐसे करें भरपाई
0 जब हमारे शरीर से बहुत अधिक पसीना निकलता है तो शरीर में पानी की कमी के साथ- साथ इलेक्ट्रोलाइट्स (खनिज लवणों) की कमी होने लगती है।
0 तापमान बढ़ने के साथ-साथ भूख कम लगती है और ज्यादा कुछ खाने की इच्छा भी नहीं होती। इस कारण हमारा शरीर शिथिल पड़ने लगता है। खून में ग्लूकोज (शर्करा) की मात्रा कम होने लगती है और थकान का अनुभव होने लगता है।
0 पानी कम पीने से भी थकान महसूस होती है, इसलिए सलाह दी जाती है कि गर्मियों में तरल पदार्थों का सेवन खूब करना चाहिए, ताकि ऊर्जा का स्तर बना रहे।
0 प्रदूषित खाना खाने से भी शरीर में ऊर्जा का स्तर नीचे चला जाता है। दरअसल ज्यादा गर्म तापमान बैक्टीरिया को पनपने का मौका देता है, जिस कारण पके हुए भोजन में बहुत से जीवाणु पनपने लगते हैं। इसकी वजह से पेट खराब हो जाता है और फिर डायरिया जैसी परेशानियों से जूझना पड़ता है, जो शरीर की सारी ऊर्जा खत्म कर देती हैं।
जरूरी हैं और भी उपाय
इस समय तापमान 50 डिग्री तक चला जाता है, जो घातक हो सकता है। इतना ज्यादा तापमान शरीर को पूरी तरह निढाल कर देने के लिए काफी होता है, इसलिए खान-पान पर नियंत्रण के साथ-साथ कुछ और बातों का ख्याल रखना जरूरी होता है। भरी दोपहर ी में बाहर निकलने से बचना चाहिए। इस मौसम में हल्का कपड़ा पहनकर ही आराम मिलता है, इसलिए हल्के रंग के सूती कपड़े पहनें।
जुगाड ़रखें साथ
0 अगर चक्कर आने जैसा महसूस हो या धुंधला दिखने लगे तो तुरंत नारियल पानी या नीबू पानी पिएं, ताकि शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स यानी खनिज लवणों की कमी न होने पाए। आप तुरंत ग्लूकोज भी पानी में घोल कर पी सकते हैं। यह तुरंत ऊर्जा पाने का सबसे तेज उपाय है।
0 घर से बाहर निकलते हुए हमेशा अपने साथ भीगे हुए बादाम या अखरोट रखें। जब कभी भी लगे कि शरीर में ऊर्जा कम हो रही है तो तुरंत उन्हें खा लें। यह भी तुरंत ऊर्जा पाने का बहुत बढ़िया उपाय है।
0 खाली पेट धूप में बिल्कुल न जाएं। जौ और चने से बना सत्तू गर्मियों में बहुत लाभदायक होता है।
0 बाहर निकलते समय पानी हमेशा अपने पास रखें।
इन बातों का भी ध्यान रखें
तमाम तरह के उपचार और बचाव के साथ-साथ हमें कुछ बातों को अपनी आदत में शामिल कर लेना चाहिए। अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करके हम कई बातों को अपनी आदत भी बना सकते हैं, क्योंकि हमें अपने शरीर को कूल रखना है। इन सब समस्याओं से बचने के लिये अपने खान-पान पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।
0 एक दिन में कम से कम चार लीटर पानी जरूर पिएं। इसे अपनी आदत बना लें।
0 रोजाना के खाने के साथ छाछ, लस्सी, आम पना, जल जीरा, कांजी, नीबू पानी, बेल के शरबत और ताजा फलों के रस को ज्यादा से ज्यादा शामिल करें।
0 खरबूजे और तरबूज जैसे पानी वाले फलों का सेवन करें।
0 तेज मिर्च-मसाले वाले और ज्यादा तले-भुने खाने से परहेज करना चाहिए।
0 कैफीनयुक्त ड्रिंक्स और अल्कोहल लेने से बचें।
0 फाइबरयुक्त खाने की चीजों और साबुत अनाज को रोज के खाने में ज्यादा से ज्यादा शामिल करें।
0 पुदीने की तासीर ठंडी होती है और दही भी ठंडी होता है। इसलिए खाने में इन दोनों का प्रयोग अवश्य करें।
0 हो सके तो रात का खाना हल्का लें और दोपहर के भोजन में दाल-चावल के साथ सलाद का भरपूर प्रयोग करें।
(हेल्थीयंस डायग्नोसिस की डॉ. मंजुला सरदाना से की गई बातचीत पर आधारित)