Pneumonia : ठंड सताए तो कहीं निमोनिया न हो जाए
निमोनिया को लोग आम तौर पर मामूली बीमारी मानकर नजरअंदाज करने की गलती करते हैं। इस कारण यह बीमारी रोगी के लिए बेहद खतरनाक हो जाती है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर घंटे...
निमोनिया को लोग आम तौर पर मामूली बीमारी मानकर नजरअंदाज करने की गलती करते हैं। इस कारण यह बीमारी रोगी के लिए बेहद खतरनाक हो जाती है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर घंटे निमोनिया से 45 बच्चों की मौत होती है। यानी करीब हर चार मिनट में तीन बच्चे निमोनिया की भेंट चढ़ जाते हैं। इसलिए निमोनिया को मामूली बीमारी समझने की भूल न करें।
क्या है निमोनिया
निमोनिया एक प्रकार का संक्रमण है। हवा में मौजूद बैक्टीरिया और वायरस सांस के माध्यम से फेफड़ों तक पहुंच जाते हैं। कई बार फंफूद की वजह से भी फेफड़ा संक्रमित हो जाता है। अगर कोई व्यक्ति पहले से फेफड़ों और दिल से संबंधित किसी बीमारी से पीडि़त है तो उसके लिए ये बीमारी बेहद घातक साबित हो सकती है। यह बीमारी युवा एवं स्वस्थ लोगों को भी हो सकती है, लेकिन बुजुगार्ें, बच्चों और किसी बीमारी से जूझ रहे लोगों को जल्दी अपनी गिरफ्त में लेती है।
कैसे होता है निमोनिया
निमोनिया अकसर सर्दियों में होता है। ये फेफड़ों में होने वाला एक प्रकार का संक्रमण है, जो बैक्टीरिया, वायरस, फंगस आदि के कारण होता है। सांस के जरिए निमोनिया ग्रस्त कीटाणु शरीर में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे फेफड़ों में सूजन आ जाती है अथवा उनमें तरल पदार्थ भर जाता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता उन कीटाणुओं से लड़ नहीं पाती, जिससे मरीज की हालत दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जाती है। जो लोग इसका सही प्रकार से इलाज करवा लेते हैं, वे बच जाते हैं।
निमोनिया के लक्षण
0 सर्दी, कफ, तेज बुखार, सिर दर्द, शरीर में दर्द, मांसपेशियों में दर्द आदि
0 व्यक्ति अपने आपको थका हुआ और कमजोर महसूस करता है
0 सांस तेज लेना, कफ की आवाज आना आदि भी निमोनिया के संकेत हो सकते हैं
0 उल्टी होना, सीने या पेट के निचले हिस्से में दर्द होना
0 होठों और नाखून का रंग नीला पड़ना
0 पांच साल से कम उम्र के ज्यादातर बच्चों में निमोनिया होने पर उन्हें सांस लेने तथा दूध पीने में भी दिक्कत होती है और वे सुस्त भी हो जाते हैं
0 बुजुर्गों में मतिभ्रम निमोनिया का सबसे प्रमुख संकेत हो सकता है।
कैसे करें बचाव
पौष्टिक आहार का सेवन करके और स्वच्छ वातावरण में रहकर इस रोग से बचे रह सकते हैं। अगर आप चाहते हैं कि आप के बच्चे को निमोनिया की शिकायत न हो तो उसे बादाम और मुनक्का मिलाकर दें। इससे बच्चा तंदुरुस्त रहता है। सर्दी के दिनों में बच्चे को धूप में रखें।
(फिजिशियन डॉ. डी. के. चौहान से की गई बातचीत पर आधारित)