आओ राजनीति करें: महिलाओं की आवाज बुलंद करने वाले नेता को ही चुनें
आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ के आओ राजनीति करें अभियान में वन मिनट टॉक के तहत परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर सोमवार को महिलाओं एवं आंदोलनकारियों की राय जानी। ‘अब नारी की...

आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ के आओ राजनीति करें अभियान में वन मिनट टॉक के तहत परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर सोमवार को महिलाओं एवं आंदोलनकारियों की राय जानी। ‘अब नारी की बारी’ विषय पर आयोजित टॉक में महिलाओं एवं गैरसैंण राजधानी अभियान से जुड़े आंदोलनकारियों ने नारी सुरक्षा, नारी सशक्तिकरण, भ्रष्टाचार एवं सरकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि महिलाओं की आवाज कोई सियासी दल बुलंद नहीं करता है। उन्होंने कहा कि राजनीति में महिलाओं की भागीदारी 50 प्रतिशत होनी चाहिये। सियासी पार्टियों को खुद महिलाओं को ज्यादा मौके देने की पहल करनी होगी। महिलाओं का प्रतनिधित्व बढ़ेगा तो उनके अधिकार मिलने में आसानी होगी। उन्होंने राजनीति में बराबरी की भागेदारी की बात उठाई। इस दौरान वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी मनोज ध्यानी, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता शीषपाल बिष्ट, गैरसैंण राजधानी अभियान के संयोजक लक्ष्मीप्रसाद थपलियाल, राजेश रावत, सुमन डोभाल काला, अमिता रावत, शीला रावत, लक्ष्मी, विजय सिंह रावत, रीता, जग्गो, रोशनी, सुभाष रतूड़ी, सोहन रावत, जयंती, अंतो देवी, रानी, बिंदो देवी, संतोषी, आशा, नितेश, प्रेम सिंह थे।
महिला सुरक्षा अहम मुद्दा
शीला रावत, अमिता रावत का कहना था कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा सबसे बड़ा मुद्दा है। आज छोटी-छोटी बच्चियों के साथ रेप की घटनाएं सामने आ रही हैं।
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