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आओ राजनीति करें: नेता नहीं मतदाता तय करें कैसी हो राजनीति

आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने आओ राजनीति करें अभियान के तहत सोमवार को हिन्दुस्तान कार्यालय में संवाद का आयोजन किया। ‘अब नारी की बारी’ विषय पर हुए संवाद में महिला...

आओ राजनीति करें: नेता नहीं मतदाता तय करें कैसी हो राजनीति
लाइव हिन्दुस्तान टीम, देहरादूनTue, 19 Mar 2019 04:10 PM
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आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने आओ राजनीति करें अभियान के तहत सोमवार को हिन्दुस्तान कार्यालय में संवाद का आयोजन किया। ‘अब नारी की बारी’ विषय पर हुए संवाद में महिला प्रतिनिधियों और छात्राओं ने कहा कि राजनीति कैसी हो यह नेताओं के बजाय मतदाता को तय करना होगा।

‘हिन्दुस्तान’ कार्यालय में सोमवार को आयोजित संवाद में अलग-अलग वर्गों की महिलाओं एवं छात्राओं ने शिरकत की। उनका कहना था कि सबसे पहले महिलाओं को जागरूक करना होगा। अभियान चलाकर उन्हें उनके अधिकार बताने होंगे। महिलाएं अपने अधिकार जानेंगी, तो वह खुद तरक्की कर सकेंगी। राजनीति को लोगों ने गलत तरीके से समाज में पेश कर दिया है। राजनीति को अब समाजसेवा की दृष्टि से न  देखकर भ्रष्टाचार, धन-बल के पेशे के तौर पर देखा जाता है। जो गलत है। चुनाव में हमें ऐसे लोगों को नकारना चाहिए। योग्य, शिक्षित, कर्मठ और समाज के प्रति संवेदनशील लोगों को ही वोट देना चाहिए। महिलाओं की राजनीति में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सियासी पार्टियों को ही पहल करनी होगी। इसका असर देश के विकास में विकास पर पड़ेगा और देश हर क्षेत्र में आगे बढ़ेगा।


महिला सशक्तीकरण 
संवाद में महिलाओं के सशक्तीकरण पर महिलाओं एवं छात्राओं ने पुरजोर तरीके से अपनी बात रखी। गोरखाली सुधार सभा की उपाध्यक्ष पूजा सुब्बा, किरन सुंदरियाल ने कहा कि कि सरकार को इसके लिए ठोस नीतियां बनानी चाहिए। महिलाओं की शिक्षा पर जोर दिया जाए। 

परिवारवाद खत्म हो 
संवाद में सियासत में परिवारवाद पर भी महिलाएं एवं छात्राएं मुखर दिखीं। निश्चय वेलफेयर सोसायटी की अध्यक्ष नीतू वालिया ने कहा कि जाति-धर्म के नाम पर वोट नहीं देना चाहिए। राजनीतिक दलों को परिवारवाद को पूरी तरह से हतोत्साहित करना चाहिए। 

50% भागीदारी मिले
शिक्षाविद् अरुणा चावला, छात्रा काजल, शालिनी, अर्चना ने कहा कि हर सियासी दल को यह पहल करनी चाहिए कि वह अपने उम्मीदवारों में 50 प्रतिशत टिकट महिलाओं को दें। वहीं महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था भी हो। इससे महिलाओं की बात ज्यादा सुनी जाएगी। 

अभियान को सराहा
संवाद में आईं महिलाओं एवं छात्राओं ने हिन्दुस्तान के अभियान की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस अभियान से लोकतंत्र के पर्व में लोगों की भागीदारी बढ़ेगी और अच्छे प्रतिनिधि देश की जनता चुनेगी। उन्होंने सबसे मतदान करने एवं अन्य को प्रेरित करने की अपील की।
 

 
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