फोटो गैलरी

Hindi News आओ राजनीति करें संवादआओ राजनीतिक करें: नेता वैसा हो जो महिलाओं को अधिकार दिलाने पर काम करे

आओ राजनीतिक करें: नेता वैसा हो जो महिलाओं को अधिकार दिलाने पर काम करे

आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने ‘आओ राजनीति करें’ के तहत ‘अब नारी की बारी’ विषय पर सोमवार को संवाद का आयोजन किया। त्रिवेणीगंज के एलएलवाई कॉलेज में हुए संवाद में शामिल महिलाओं...

आओ राजनीतिक करें: नेता वैसा हो जो महिलाओं को अधिकार दिलाने पर काम करे
त्रिवेणीगंज(सुपौल)| निज संवाददाता निज प्रतिनिधिTue, 19 Mar 2019 01:29 PM
ऐप पर पढ़ें

आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने ‘आओ राजनीति करें’ के तहत ‘अब नारी की बारी’ विषय पर सोमवार को संवाद का आयोजन किया। त्रिवेणीगंज के एलएलवाई कॉलेज में हुए संवाद में शामिल महिलाओं ने खुल कर अपनी बात रखी।
  
खास यह रहा कि आपका नेता कैसे हो विषय पर अपनी बात रखते हुए महिलाओं ने वोट करने पर जोर दिया। महिलाओं का कहना था कि सरकारें और नेता महिला हित में काम तो करते हैं लेकिन महिलाएं ही जागरूक नहीं हैं इस वजह से कई समस्याएं आज भी कायम हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को बराबरी का दर्ज तो दिया जाता है लेकिन सही मायने में महिलाओं को पुरुषों के साथ समानता का अधिकार नहीं है।
 
उन्होंने कहा कि परिवार, समाज के साथ-साथ हर जगह उनके साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया जाता है। जनप्रतिनिधि सिर्फ हवा-हवाई बात करते हैं। आजादी के लगभग 70 साल बाद भी महिलाएं कई सुविधाओं से वंचित हैं। उनपर कई तरह की पाबंदी थोप दी गयी है।

महिलाओं ने कहा कि उनका नेता ऐसा होना चाहिए जो गली-मोहल्ले के विकास के साथ-साथ महिलाओं को बराबरी का हक दिलाने के लिये आवाज उठाए, उसके लिये काम करे। नेता ऐसा हो जो जाति, धर्म, संप्रदाय, भाषा के आधार पर भेदभाव करने के बजाय समाज की इन कुरीतियों को दूर करने का प्रयास करे। कहा कि नेता वही है जो समाज के हर तबके को एक नजर से देखे, सबका विकास करे। सबको साथ लेकर चले। नेता ऐसा होना चाहिए जो सुख-दुख में लोगों के साथ खड़ा रहे।

बिना मतदान लोकतंत्र नहीं होगा मजबूत
संवाद में अपनी बात रखते हुए नीतू कुमारी, मीना देवी, अनामिका, वंदना, एएलवाई कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जयदेव प्रसाद यादव आदि ने मतदान के महत्व पर प्रकाश डाला। उनका कहना था कि स्वच्छ और मजबूत लोकतंत्र के लिए अपना वोट डालना बहुत जरूरी है। जब तक हम अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं करेंगे तब तक सही नेता का चुनाव संभव नहीं हो पाएगा। 

अधिकार पाने के लिए मतदान करना जरूरी
संवाद में जुटी अधिकांश महिलाओं ने मताधिकार का प्रयोग करने पर बल दिया। वक्ताओं का कहना था कि मताधिकार उनका अधिकार और हथियार दोनों है। इसका इस्तेमाल कर ही हम अपनी पसंद का जनप्रतिनिधि चुन सकते हैं। समझाया कि एक-एक वोट का महत्व है। इसलिये मतदान के दिन बूथ पर जाकर वोट जरूर करना है। यह भी कहा कि जाति, क्षेत्र, भाषा आदि से ऊपर उठकर और बिना किसी तरह के प्रलोभन में आकर मतदान करना है। कई महिलओं ने कहा कि वह घर-घर जाकर दूसरों को भी मतदान के लिये प्रेरित करेंगी। कहा कि वोट नहीं करना संविधान पर प्रहार करने जैसा है। कोई भी प्रत्याशी पसंद न हो तो नोटा पर वोट करें पर मतदान करें।

हमे सिर्फ बोलकर चुप नहीं रह जाना है
गृहिणी दीपा शर्मा ने बताया कि कोई सरकार या नेता हमारे लिए इसलिए कुछ नहीं करते कि हम अपने अधिकारों के प्रति सजग नहीं है। आज हमे सिर्फ बोलकर चुप नहीं रह जाना है।
 
नेता चेहरा और जाति देखकर नहीं चुनें
गृहिणी श्वेता गोयल ने कहा कि नेता चेहरा और जाति देखकर नहीं चुनें। स्वच्छ चरित्र और व्यवहार कुशल को नेता चुना जाना चाहिए। जिस तरह हम अपने बेटी के लिए दामाद और बेटा के लिए बहू तलाशते हैं उसी तरह समाज और देश के हित में काम करने वाला नेता चुनें।

नेता ऐसा हो जो जात-पात और वोटर देखकर काम नहीं करें
गृहिणी रजनी शर्मा के मुताबिक नेता ऐसा हो जो जात-पात और वोटर देखकर काम नहीं करें। हमारे मोहल्ले-शहर के साथ-साथ हर क्षेत्र में विकास करने वाला नेता चाहिए। 
 
जाति, धर्म, भाषा के आधार पर समाज को बांटने वाला नेता नहीं चाहिए
छात्रा अंजली कुमारी का कहना है कि नेता ऐसा हो जो हमारे अधिकारों की बात करें उसके लिए काम करें। जिसमें नेतृत्व की क्षमता हो उसे ही नेता चुना जाना चाहिए। जाति, धर्म, भाषा के आधार पर समाज को बांटने वाला नेता हमे नहीं चाहिए। नेता स्वच्छ छवि का हो।

मतदान के प्रति जागरुकता तो आ जाये
गृहिणी गिरजा अग्रवाल ने कहा कि मनपसंद नेता चुनने के लिए हमें मतदान करना भी जरूरी है। पहले मतदान के प्रति जागरुकता तो आ जाये। इसके बाद नेता भी अपनी पसंद का चुनेंगे।
 
नेता अच्छे चरित्र वाला होना चाहिए
गृहिणी सरिता अग्रवाल ने कहा कि महिलाओं के लिए तो अब तक बहुत कुछ हुआ है लेकिन अभी भी बहुत कुछ करना बांकी है। अभी तक शायद ही कोई ऐसा नेता आया हो जिसने महिलाओं के लिए हक अधिकार की बात की हो। नेता अच्छे चरित्र वाला होना चाहिए। 

पहले घर से बाहर निकलें और वोट करें
गृहिणी कौशल्या देवी के मुताबिक महिलाओं को चाहिए कि पहले घर से बाहर निकलें और वोट करें। आज महिलाओं में जागरुकता आयी और वे मुखर भी हुई हैं। अब हमे अधिकार चाहिए।

नेता सोच समझ कर चुनना चाहिए
गृहिणी लवप्रीत कौर ने कहा कि नेता सोच समझ कर चुनना चाहिए। मनपसंद नेता चाहिए तो पहले मतदान करना होगा। आज हमलोग मतदान ही नहीं करते हैं और मनपसंद नेता चुनने की बात करते हैं। अधिकार चाहिए तो वोट करना जरूरी है।

राजनीति में महिलाएं आगे आयेगी तब स्थायी समाधान
छात्रा प्रीति कुमारी ने कहा कि पुरुष प्रधान समाज बनाने में महिलाओं का ही योगदान है। लेकिन उन्होंने हमे ही उपेक्षित कर दिया। राजनीति में जब तक महिलाएं आगे नहीं आयेगी तब तक हमारी समस्या का स्थायी समाधान नहीं होगा।

नेता ऐसा हो जिसके कार्यकाल में महिलाएं सुरक्षित हो
सामाजिक कार्यकर्ता हेमलता पांडेय ने कहा कि नेता ऐसा हो जिसके कार्यकाल में महिलाएं सुरक्षित हो। आज बाल विवाह और दहेज प्रथा चरम पर है।  नेता वैसा हो जो इन सामाजिक कुरीतियों को समाप्त कराये। 
 
जो सबके हित और विकास की बात करता हो
गृहिणी बॉबी शर्मा ने कहा कि चुनाव में एक-एक वोट का महत्व है। युवा सजग होंगे तभी वैसे नेता का चुनाव होगा जो सबके हित और विकास की बात करता हो। पैसे के बल पर नेता नहीं चुनना चाहिए।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें