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16 लाख बच्चों को अब तक किताब नहीं

राज्य के 16 लाख छात्र अब भी किताब से महरूम हैं। शैक्षणिक सत्र को तीन माह पार हो गये, लेकिन अब तक कोई भी यह बताने की स्थिति में नहीं है कि आखिर कब किताबें मिलेंगी। प्राइमरी, मिडिल-हाइस्कूलों में...

 16 लाख बच्चों को अब तक किताब नहीं
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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राज्य के 16 लाख छात्र अब भी किताब से महरूम हैं। शैक्षणिक सत्र को तीन माह पार हो गये, लेकिन अब तक कोई भी यह बताने की स्थिति में नहीं है कि आखिर कब किताबें मिलेंगी। प्राइमरी, मिडिल-हाइस्कूलों में तिमाही टेस्ट इसी माह है। छात्र किताब नहीं मिलने से डर हैं। अभिभावकों को भी बच्चे के भविष्य की चिंता है। अधिकारी प्रकाशकों को ही स्कूल तक किताब पहुंचाने का आदेश देकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।ड्ढr किताब की वास्तविक स्थिति: शिक्षा विभाग ने 53,15278 किताबों के सेट की छपाई का ऑर्डर दिया था। इसमें से कक्षा एक, दो और पांच में 60 से 50 फीसदी ही किताबें पहुंच पायी है। कक्षा तीन, चार, छह और सात की स्थिति सबसे खस्ता है। प्रकाशक की मानें तो अब तक मात्र 11 जिलों में ही किताबें बंटी गयी है। वैसे कक्षा आठवीं में किताब की स्थिति अच्छी है। मिडिल स्कूलों में तकरीबन हर जगह किताब है।ड्ढr तुगलकी फरमान: विभाग ने यह तुगलकी फरमान जारी कर कहा कि प्रकाशक ही स्कूलों तक किताब पहुंचायें। इससे प्रकाशकों को परशानी हो रही है। सुदूर ग्रामीण एवं पहाड़ी इलाकों के स्कूलों में पहुंचना संभव नहीं है। प्रकाशक भी लोकल स्तर पर किसी व्यक्ति को रखकर किताब बंटवा रहे हैं। इसका नतीजा है कि वह व्यक्ति मनमाने तरीके से किताब वितरण कर रहा है।ड्ढr शिक्षा मंत्री की चेतावनी बेअसर: छात्रों को समय से किताब देने के मामले में शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की की चेतावनी भी बेअसर है। मंत्री ने छह बार चेतावनी दी। अब बंधु ने 15 अगस्त का समय किताब आपूर्ति के लिए दिया है।

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