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दिवाली पर लाखामंडल में रस्सा कस्सी

जौनसार बावर क्षेत्र में रविवार से प्रारम्भ हुई पांच दिवसीय बूढ़ी दिवाली के पहले दिन लाखामंडल मंदिर परिसर में रस्सा कस्सी का आयोजन किया गया। जिसमें ग्रामीणों ने बढ़चढ़ कर भाग लेते हुए अपनी परंपरा को...

दिवाली पर लाखामंडल में रस्सा कस्सी
हिन्दुस्तान टीम,विकासनगरSun, 19 Nov 2017 07:45 PM
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जौनसार बावर क्षेत्र में रविवार से प्रारम्भ हुई पांच दिवसीय बूढ़ी दिवाली के पहले दिन लाखामंडल मंदिर परिसर में रस्सा कस्सी का आयोजन किया गया। जिसमें ग्रामीणों ने बढ़चढ़ कर भाग लेते हुए अपनी परंपरा को आगे बढ़ाया। प्रतिवर्ष बूढ़ी दिवाली के प्रथम दिन महासू देवता मंदिर लाखामंडल में ग्रामीण रस्सा कस्सी का आयोजन करते हैं। क्षेत्रवासी इसे पौराणिक समय से चली आ रही परंपरा बताते हैं। इसके अतिरिक्त इसे समुंद्र मंथन का भी एक रूप माना गया है। ग्रामीण पहले घास की मोटी रस्सी बनाते हैं, जिसे पानी से गीली करके रस्सी को नाग देवता के आकार का बनाया जाता है। इसके बाद मंदिर के पुजारी द्वारा पूजा अर्चना के उपरांत ग्रामीण बुजुर्ग, महिला व पुरुषों के साथ युवाओं की दो टीमें बनाई जाती हैं। जो आपस में रस्सा कस्सी पर जोर अजमाइश करते हैं। ढोल दमाऊ के साथ रस्सी को दोनों ओर से खींचा जाता है। करीब 30 मिनट रस्सी खींचने का कार्यक्रम हुआ। जब दोनों पार्टियां थक गई, तो रस्सी को बीच से काटकर कार्यक्रम को विराम दिया गया। इस दौरान महिलाओं व पुरुषों ने सामुहिक नृत्य कर दिवाली का जश्न भी मनाया। पुजारी जगतराम शर्मा ने बताया कि जिस तरह कौरव पांडवो के बीच रस्सा कस्सी होती थी, उसी परम्परा को जौनसार के लाखामण्डल में पुरानी दीपावली के दिन हर वर्ष मनाया जा रहा है। इस मौके पर तोलाराम, मायाराम गौड़, सन्तराम बहुगुणा, टीकाराम, ताजीराम, नरेश प्रकाश, लाखीराम, आनंद, मुकेश आदि मौजूद रहे।

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