जन विरोधी है भाजपा सरकार : माकपा
माकपा ने केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार को जनविरोधी करार दिया है। माकपा ने कहा कि केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकारें मजदूरों के श्रम कानूनों को धीरे धीरे समाप्त कर रही हैं। कहा कि बैंकों के कर्जे तले...
माकपा ने केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार को जनविरोधी करार दिया है। माकपा ने कहा कि केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकारें मजदूरों के श्रम कानूनों को धीरे धीरे समाप्त कर रही हैं। कहा कि बैंकों के कर्जे तले दबे किसान आत्महत्यायें कर रहे हैं। कहा कि सरकारी विभागों के रिक्त पदों को समाप्त कर युवाओं को बेरोजगार बनाया जा रहा है। कहा कि यह सरकार किसान, मजदूर और युवा विरोधी है। सभावाला में माकपा ने एक जनसभा आयोजित की। जनसभा को संबोधित करते हुए माकपा के सचिव राजेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि अच्छे दिनों का नारा देने वाली भाजपा सरकार ने देश की जनता को ठगने का काम किया है। कहा कि जब से केंद्र में भाजपा की सरकार आयी है। तब से एक सुनियोजित षडयंत्र के तहत देश को सांप्रदायिकता की आग में झोंका जा रहा है। किसानों के लिए केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार के पास कोई कल्याणकारी योजना नहीं है। इसीलिए उत्तराखंड से लेकर देश के तमाम हिस्सों में बैंकों के कर्जे तल डूबे किसान आत्महत्या कर रहे हैं। अनसूचित जाति, जनजाति, अप्लसंख्यकों व महिलाओं पर लगातार हमले किये जा रहे हैं। पूरे देश में गो रक्षा के नाम पर लोगों मौत के घाट उतारा जा रहा है। माकपा के वरिष्ठ नेता विजय रावत ने कहा कि किसानों, मजदूरों व अन्य मेहनतकश वर्ग के लोगों को मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। कहा कि मनरेगा की मदों में भारी कटौती किये जाने से गरीब मजदूरों के पास गांवों में काम नहीं है। राष्ट्रीय स्तर से लेकर प्रदेश स्तर पर लगातार रोजगार में कटौती की जा रही है। इससे बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष व माकपा नेता शिव प्रसाद देवली ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार की आम जनता विरोधी नीति के कारण आम जनता का जीना दूभर हो गया है। महंगाई बढ़ती जा रही है। कहा कि पहले दालों के दाम बढ़े अब सब्जी की कटोरी आम आदमी की थाली से छीन ली है। टमाटर की कीमत बीस रुपये से बढ़ाकर अस्सी से सौ रुपये तक पहुंचा दी है। सभा की अध्यक्षता पूर्व जिला पंचायत सदस्य कमरुदीन ने की।इस मौके पर सुरेंद्र सजवाण, इंदू नौडियाल, राजेंद्र पुरोहित, वीरेंद्र भंडारी, सुंदर थापा, सुधा देवली, माला गुरुंग, लेखराज, शंभू ममगांई, अनंतआकाश, शेरसिंह, नुरेशा आदि ने जनसभा को संबोधित किया।