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ऐसा अनोखा मंदिर जहां कोई नहीं कर सकता देवता के दर्शन

उत्तरकाशी जिले के सीमांत विकासखंड मोरी में एक ऐसा मंदिर है, जहां देवता के दर्शन करना वर्जित है। मंदिर का पुजारी भी देवता की ओर पीठ करके पूजा करता है। यह मंदिर पोखू देवता का है। इसके प्रति गांव सहित...

ऐसा अनोखा मंदिर जहां कोई नहीं कर सकता देवता के दर्शन
उत्तरकाशी, सुरेन्द्र नौटियाल Tue, 24 Oct 2017 03:45 PM
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उत्तरकाशी जिले के सीमांत विकासखंड मोरी में एक ऐसा मंदिर है, जहां देवता के दर्शन करना वर्जित है। मंदिर का पुजारी भी देवता की ओर पीठ करके पूजा करता है। यह मंदिर पोखू देवता का है। इसके प्रति गांव सहित क्षेत्र के लोगों की अटूट श्रद्धा है। इसे लोग न्याय के देवता के रूप में पूजा करते हैं। 

उत्तरकाशी से 160 किमी की दूरी पर हिमाचल प्रदेश की सीमा से लगे मोरी विकासखंड के नैटवाड़ गांव में पोखू देवता का प्राचीन मंदिर स्थित है। इन्हें इस क्षेत्र का राजा माना जाता है। क्षेत्र के प्रत्येक गांव में दरांतियों और चाकुओं के रूप में देवता की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि देवता का मुंह पाताल में और कमर का ऊपर का हिस्सा धरती पर है। ये उल्टे हैं और नग्नावस्था मे हैं। इस हालत में इन्हें देखना अशिष्टता है। इसलिए लोग इनकी ओर पीठ करके पूजा करते हैं।

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मान्यता है कि क्षेत्र में यदि किसी भी प्रकार की विपत्ति या संकट आये तो पोखू देवता गांव के लोगों की मदद करते हैं। जून व अगस्त के माह में क्षेत्र के लोगों की ओर से भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। पोखू देवता को लोग न्याय के रूप में भी पूजा करते हैं। इसी विशेषताओं के साथ पोखू देवता का मंदिर एक तीर्थ के रूप में प्रसिद्ध है जो सैलानियों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। मान्यता है कि पोखू देवता को कर्ण का प्रतिनिधि और भगवान शिव का सेवक माना गया। जिनका स्वरूप डरावना और अपने अनुयायिओं के प्रति कठोर स्वभाव का था। इसी कारण क्षेत्र में चोरी व क्रूर अपराध करने से लोग आज भी डरते हैं।

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