केदारनाथ आपदा की आड़ में 40 लाख लेकर फरार कर्मचारी चढ़ा पुलिस के हत्थे...
2013 में आपदा के दौरान गौरीकुंड केदारनाथ पैदल मार्ग पर तैनात लिपिक 40 लाख रुपये लेकर फरार हो गया था। उसने समझा पुलिस उसे आपदा में लापता समझेगी। तलाश में जुटी पुलिस ने आखिर उसे दबोच लिया। आरोपी...
2013 में आपदा के दौरान गौरीकुंड केदारनाथ पैदल मार्ग पर तैनात लिपिक 40 लाख रुपये लेकर फरार हो गया था। उसने समझा पुलिस उसे आपदा में लापता समझेगी। तलाश में जुटी पुलिस ने आखिर उसे दबोच लिया। आरोपी राजस्थान के होटल में वेटर का काम कर रहा था।
पुलिस के अनुसार थाना ऊखीमठ, जनपद रुद्रप्रयाग में तत्कालीन जिला साहसिक खेल अधिकारी की तहरीर के आधार पर प्रान्तीय खण्ड लोनिवि रुद्रप्रयाग के कनिष्ठ सहायक प्रकाश गोस्वामी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोपी गौरीकुंड में तैनात था। केदारनाथ यात्रा के दौरान उसे गौरीकुण्ड से घोड़े, खच्चर, कंडी की प्रीपेड बुकिंग काउंटर पर जमा नकदी बैंक में जमा कराने के लिए दी गई थी।
13 जून से 15 जून 2013 के बीच आरोपी प्रकाश गोस्वामी की ड्यूटी थी। ड्यूटी के दौरान जमा 40 लाख की धनराशि के साथ प्रकाश गोस्वामी लापता हो गया। इसके पश्चात केदारनाथ आपदा जैसी बड़ी त्रासदी हुई। विभाग की ओर से लापता प्रकाश गोस्वामी की तलाश की गई और उसे नोटिस जारी किए, लेकिन प्रकाश गोस्वामी का कोई पता नहीं चला। जांच के दौरान प्रकाश गोस्वामी के भाई ने जिला साहसिक खेल अधिकारी रुद्रप्रयाग के खाते में रुपये 8 लाख जमा करते हुए बताया कि ये रुपये प्रकाश की आलमारी से मिले हैं। उसका भाई प्रकाश 20 जून 2013 से लापता चल रहा है।
इस दौरान आरोपी प्रकाश गोस्वामी की काफी तलाश की गई, लेकिन पिछले चार सालों तक उसका कुछ पता नहीं चला। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पहले पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग ने 2000 रुपये नकद इनाम रखा। बाद में पुलिस उपमहानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र द्वारा पांच हजार रुपये का नकद पुरस्कार घोषित किया गया। एसटीएफ उत्तराखंड इनामी आरोपी प्रकाश गोस्वामी पुत्र विरेन्द्र गोस्वामी, निवासी ग्राम गंगतल पटवारी वृत्त बेलणी, जिला रुद्रप्रयाग की गिरफ्तारी हेतु लगातार प्रयास कर रही थी।
सोमवार को मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने आरोपी प्रकाश को आईएसबीटी देहरादून के समीप पकड़ लिया। पूछताछ में उसने बताया कि पुलिस कार्यवाही के डर से वह फरार होकर राजस्थान चला गया। यहां अपनी पहचान छिपाकर अबू रोड सिरौही में होटल चामुण्डा में वेटर का काम करने लगा। इस बीच उसने घर के किसी भी सदस्य से सम्पर्क नहीं रखा। सोचा कि उसे केदारनाथ आपदा में लापता मान लिया जाएगा और तलाश नहीं की जाएगी। एसटीएफ टीम में उपनिरीक्षक आशुतोष सिंह, हे.का. वेद प्रकाष भट्ट आरक्षी विरेन्द्र नौटियाल, आरक्षी संजय कुमार शामिल थे।