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भगवानपुर में महिला ने ई-रिक्शे में जन्मा बच्चा

अस्पताल में प्रसूव के लिए आई महिला ने ई-रिक्शा पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। ई-रिक्शा पर बच्चे को जन्म देने पर स्वास्थ्य विभाग की पोल भी खुल गई है। अक्सर सरकार और स्वास्थ्य विभाग गर्भवती महिलाओं को...

भगवानपुर में महिला ने ई-रिक्शे में जन्मा बच्चा
हिन्दुस्तान टीम,रुडकीThu, 31 Aug 2017 07:00 PM
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अस्पताल में प्रसूव के लिए आई महिला ने ई-रिक्शा पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। ई-रिक्शा पर बच्चे को जन्म देने पर स्वास्थ्य विभाग की पोल भी खुल गई है। अक्सर सरकार और स्वास्थ्य विभाग गर्भवती महिलाओं को तमाम तरह की सुविधाएं देने की बात कहती है, लेकिन हकीकत इसके विपरीत है। फिलहाल जज्जा-बच्चा दोनों स्वस्थ्य हैं। बताया जाता है कि जिस स्टाफ नर्स की ड‌्यूटी थी, वह तब तक आई ही नहीं थी। राज्य सरकार की ओर से गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पताल में ही डिलीवरी कराने के लिए प्रेरित किया जाता है। इसके लिए आशाएं भी गांव-गांव रखी गई हैं। अस्पताल में प्रसव कराने पर प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है। जिससे अधिकांश महिलाएं अस्पताल में ही डिलीवरी कराएं, लेकिन स्टाफ ही गर्भवती महिलाओं की जान से खिलवाड़ करने में भी नहीं चूक रहे हैं। ऐसा ही एक मामला कस्बा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर देखने को मिला, जहां मोहितपुर निवासी पोपिन आशा कार्यकर्ता संगीता के साथ अपनी गर्भवती पत्नी मीनाक्षी को प्रसव पीड़ा होने पर ई-रिक्शा में लेकर अस्पताल पहुंचा, लेकिन जब अस्पताल में गए थे वहां अस्पताल पर ताला लटका हुआ मिला। पति एवं आशा कार्यकर्ता आधे घंटे तक अस्पताल को खुलवाने के लिए इधर से उधर दौड़ते रहे, लेकिन न तो कोई चिकित्सक आया और न ही अस्पताल खुला। प्रसव पीड़ा से तड़फ रही महिला ने ई-रिक्शा में ही बच्चे को जन्म दे दिया। यह देखकर मौके पर कुछ और लोग भी पहुंच गए। जिन्होंने चिकित्सकों के न आने पर हंगामा खड़ा कर दिया। हंगामा होने पर एक सविंदा पर तैनात नर्स पहुंची। जिसने प्रसूता एवं नवजात को अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उनकी देखभाल शुरू की गई। एंबुलेंस नहीं चलने पर ई-रिक्शा थे पहुंचे एंबुलेंस न चलने पर गर्भवती महिला को ई-रिक्शा से लेकर आए थे। क्योंकि इन दिनों सरकारी आपातकालीन सेवा बंद है। एंबुलेंस का चलाने का खर्च न मिलने के कारण उनका संचालन नहीं हो पा रहा है। इसी वजह से प्रसूता को ई-रिक्शा में लेकर पहुंचे थे, लेकिन ई-रिक्शा में लाकर अस्पताल में चिकित्सकों की लापरवाही से प्रसूता को सही समय पर उपचार नहीं मिल पाया। मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। मामले की जानकारी लूंगा। अगर ऐसा पाया गया तो ड्यूटी से नदारद मिलने वाले स्टाफ नर्स के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। डॉ. विक्रांत सिरोही, चिकित्सा प्रभारी, सीएचसी

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