बरहैनी में हाथियों ने धान की फसल रौंदी
हाथियों के झुंड ने बरहैनी के गांव मझरा कुकरेटा में धान की फसल रौंद डाली। हाथियों की चिंघाड़ सुनकर लोग अपने घरों में दुबक गये। ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दी। लेकिन, जब कोई कर्मचारी नहीं पहुंचा तो...
हाथियों के झुंड ने बरहैनी के गांव मझरा कुकरेटा में धान की फसल रौंद डाली। हाथियों की चिंघाड़ सुनकर लोग अपने घरों में दुबक गये। ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दी। लेकिन, जब कोई कर्मचारी नहीं पहुंचा तो गामीणों ने शोर-शराबा और आग जलाकर बामुश्किल हाथियों को भगाया। पिछले कई दिनों से पड़ रही भीषण गर्मी और उमस से नगर और जंगल के जलस्रोत पूरी तरह सूख गये हैं। इससे लोगों के साथ-साथ जंगली जानवर भी प्यास से हलकान हैं। पीने के पानी की तलाश में हाथी समेत अन्य जंगली जानवर आबादी का रुख कर रहे हैं। मंगलवार देर रात भी हाथियों का एक झुंड बरहैनी के कुकरेटा गांव में घुस आया। ग्रामीणों ने बताया कि जब हाथियों को पीने का पानी नहीं मिला तो उन्होंने धान की फसल रौंद दी। हाथियों की चिंघाड़ सुनकर लोग दहशत में आ गए। लोगों ने आबादी में हाथियों के आने की सूचना वन विभाग को दी। आरोप है कि कोई भी वनकर्मी मौके पर नहीं पहुंचा। बाद में ग्रामीणों ने हिम्मत कर हाथों में मशाल लेकर कनस्तर का शोर कर बामुश्किल हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ा। समाजसेवी वीरेंद्र बिष्ट का कहना है कि वह लंबे समय से वन विभाग से जंगलों में जानवरों के पानी की वैकल्पिक व्यवस्था करने एवं तारबाड़ की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन वन विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।