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काशीपुर में जीएसटी बंद का मिलाजुला असर

जीएसटी के खिलाफ बुलाए गए बंद का काशीपुर में मिलाजुला असर रहा। सुबह दो घंटे बंदी के बाद ज्यादातर दुकानें खुल गई। व्यापारियों के दो गुटों के आपस में बंटने से बंद का व्यापक असर नजर नहीं आया।प्रांतीय...

काशीपुर में जीएसटी बंद का मिलाजुला असर
हिन्दुस्तान टीम,काशीपुरFri, 30 Jun 2017 06:27 PM
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जीएसटी के खिलाफ बुलाए गए बंद का काशीपुर में मिलाजुला असर रहा। सुबह दो घंटे बंदी के बाद ज्यादातर दुकानें खुल गई। व्यापारियों के दो गुटों के आपस में बंटने से बंद का व्यापक असर नजर नहीं आया।प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के 30 जून को देशव्यापी बंद के समर्थन में काशीपुर में भी बंद बुलाया गया था। शुक्रवार को जीएसटी को लेकर देशव्यापी बंद का काशीपुर में कम ही असर दिखा। विरोध में उतरे व्यापारियों ने कहा कि जीएसटी की आधी अधूरी व्यापारी वर्ग को जानकारी है। कहा कर मुक्त वस्तुओं कपड़ा और कृषि उपकरण पूर्व में प्रत्येक कानून के अंतर्गत कर मुक्त थे। लेकिन, अब कपड़े पर पांच फीसदी जीएसटी लगाया गया है। इस व्यापार से देश के लगभग 25 करोड़ परिवारों की रोजी-रोटी जुड़ी है। वक्ताओं ने कहा कि एक पंजीकरण, एक रिटर्न और एक कर निर्धारण का विधान बने। वहीं अपंजीकृत व्यापारी की सीमा पड़ोसी राज्य यूपी, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली व राजस्थान की तर्ज पर 20 लाख की जाए। साथ ही कहा 25 लाख वार्षिक टर्नओवर वाले व्यापारी को जीएसटी से मुक्त रखने की मांग उठाई गई। पंजीकरण ऑनलाइन और मैन्युअल दोनों रूपों में रखने की बात कही। व्यापारियों ने राष्ट्रपति को संबोधित मांग पत्र एसडीएम विनीत तोमर को सौंपा। मांग पत्र सौंपने वालों में राजीव सेतिया, अंशु रस्तोगी, गीता चौहान, आकाश गर्ग, मुशर्रफ हुसैन, जतिन नरुला, गौतम मेहरोत्रा, अंकुर अग्रवाल, रचित अग्रवाल, नीशू अरोरा आदि रहे।जीएसटी का निम्न संशोधनों के साथ होगा स्वागतजीएसटी को सरल, पारदर्शी व व्यवहारिक बनाया जाए।ई-वे बिल व्यापारी पर लागू न हो।हर महीने रिटर्न के स्थान पर एक त्रैमासिक रिटर्न का प्रावधान हो।जीएसटी की उच्चत्तम दर 15 फीसदी से अधिक न हो।ऑनलाइन रिटर्न की बाध्यता समाप्त हो जीएसटी के विरोध में बंद रहा जसपुरजसपुर। व्यापार मंडल के आह्वान पर शुक्रवार को बाजार बंद रहा। व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने शहर में घूमकर दुकानों को बंद कराया और ज्ञापन एसडीएम दयानंद सरस्वती को सौंपा। शुक्रवार को जसपुर में साप्ताहिक बाजार लगता है। मगर गांव-देहात के लोगों को बंद की खबर नहीं मिलने पर उन्होंने साप्ताहिक बाजार लगाया। उन्होंने अपने फड़ों पर फल-सब्जियों की बिक्री की। मगर दुकानदारों ने अपनी दुकान बंद रखीं। व्यापार मंडल अध्यक्ष त्रिलोक अरोरा ने जीएसटी को अव्यवहारिक बताया। इस मौके पर उपाध्यक्ष नासिर अली, विमल अग्रवाल, जसवीर जस्सा, सतीश अरोरा, राजाराम राजपूत, अशोक कुमार, वैभव कुमार, सोनू कादरी आदि मौजूद रहे।

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