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अल्मोड़ा के छानी-ल्वेशाल गांव में अब भी जिंदा 306 साल पुरानी परंपरा आंठू

छानी-ल्वेशाल में आठूं की 306 साल पुरानी परंपरा आज भी जारी है। ग्रामीण इस सांस्कृतिक धरोहर को अब भी सजोए हुए हैं। आठूं में गांव में लगने वाले खेल ग्रामीणों के लिए आज भी किसी धरोहर से कम नहीं...

अल्मोड़ा के छानी-ल्वेशाल गांव में अब भी जिंदा 306 साल पुरानी परंपरा आंठू
हिन्दुस्तान टीम,हल्द्वानीThu, 24 Aug 2017 02:56 PM
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छानी-ल्वेशाल में आठूं की 306 साल पुरानी परंपरा आज भी जारी है। ग्रामीण इस सांस्कृतिक धरोहर को अब भी सजोए हुए हैं। आठूं में गांव में लगने वाले खेल ग्रामीणों के लिए आज भी किसी धरोहर से कम नहीं हैं। भगवती मन्दिर छानी-ल्वेशाल में आठूं पूजन की परंपरा हर वर्ष मनायी जाती है। पिछले 306 वर्षों से ग्रामीण इस धार्मिक धरोहर को संजोए हुए हैं। इस पूजन के दौरान पहले सैकड़ों निरीह पशुओं की बलि दी जाती थी, लेकिन ग्रामीणों ने अब बलि प्रथा को समाप्त कर दिया है। आठूं पूजन के दौरान 91 वर्षीय दीवान सिंह दोसाद के शरीर में भी देवता अवतरित होते हैं। मां नन्दा को मायके से ससुराल कैलाश की ओर विदा करने की पूजा विधि है आठूं।

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