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उत्तराखंड : शिक्षकों ने मंत्री के खिलाफ बांधी कालीपट्टी तो मंत्री ने सुनाई खरी-खरी

देहरादून के जीआईसी थानों में शिक्षिका को डांटने से शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे और शिक्षक संगठनों के बीच उपजा विवाद थमा नहीं है। राजकीय और जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ से जुड़े शिक्षकों ने बांह पर काली...

उत्तराखंड : शिक्षकों ने मंत्री के खिलाफ बांधी कालीपट्टी तो मंत्री ने सुनाई खरी-खरी
प्रमुख संवाददाता,देहरादूनFri, 15 Sep 2017 02:36 PM
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देहरादून के जीआईसी थानों में शिक्षिका को डांटने से शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे और शिक्षक संगठनों के बीच उपजा विवाद थमा नहीं है। राजकीय और जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ से जुड़े शिक्षकों ने बांह पर काली पट्टी बांध कर विरोध दर्ज कराया। उत्तरकाशी समेत कुछ और जिलों से भी शिक्षकों के काली पट्टी बांधी।

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बीते रोज शिक्षकों के चारों संगठनों के पदाधिकारियों ने सीईओ कार्यालय में सांकेतिक धरना दिया था। आज शिक्षक काली पट‌्टी बांधकर स्कूल आए। राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री डॉ. सोहन सिंह माजिला ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के सम्मान से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। शिक्षकों का विरेाध जारी रहेगा। संघ के जिलाध्यक्ष सुभाष झल्डियाल, जिला मंत्री नागेंद्र पुरोहित ने कहा कि शिक्षा मंत्री और अफसरों को यदि कोई बात कहनी ही हैं तो वो स्टॉफ रूप में भी बता सकते हैँ।

देहरादून में शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री के खिलाफ खोला मोर्चा

छात्रों के सामने अपमान करना किसी भी सूरत में सही नहीं कहा जा सकता। जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ की प्रांतीय उपाध्यक्ष कल्पना बिष्ट ने भी कहा कि शिक्षकों का साथ डांट-फटकार का रवैया कतई स्वीकार नहीं होगा। दूसरी तरफ, प्राथमिक शिक्षक संघ ने काली पट्टी अभियान से दूरी रखी। जिलाध्यक्ष वीरेंद्र कृषाली ने कहा कि आंदोलन को हमारा समर्थन केवल एक दिन के लिए था। वैसे शिक्षक के सम्मान के लिए जब भी जरूरत पडे़गी, बेसिक शिक्षक साथ खडे़ होंगे। दूसरी तरफ, स्कूलों में छापों को लेकर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे अपने स्टैंड पर कायम हैं।

गुरूवार को मीडिया से बातचीत में पांडे ने कहा कि कुछ शिक्षकों के आंदोलन करने भर से सरकार अपना बढ़ा हुआ कदम पीछे नहीं खींच सकती। गाइड कुंजियों पर प्रतिबंध है और शिक्षक उन्हीं से पढ़ा रहे हैं। यह कैसे बर्दास्त किया जा सकता है। हालांकि शिक्षिका को डांटने के विवाद पर उन्होंने आज कुछ मरहम भी लगाया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि वैसे तो मुझे जवाब देने की कोई जरूरत नहीं है और माफी मांगने का तो कोई सवाल ही नहीं उठता। कुछ दलाल टाइप लोगों के हवाले मैं विभाग को नहीं छोड सकता। हां यह जरूर है कि विभागीय मुखिया होने के नाते में शिक्षकों का बड़ा भाई भी हूं। जिस प्रकार एक बड़ा भाई गलती होने पर छोटे भाई को डांटता है, वही मैने भी किया है। जीआईसी थानों की शिक्षिका मेरी छोटी बहन है और एक भाईके नाते ही मैने उससे अपनी नाराजगी जताई।

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