जीपीओ में बढ़ने लगा लेनदेन, कैश सरप्लस होने से काम में तेजी
नोटबंदी की मार झेलने के बाद जीपीओ में लेन देन ने पहली बार रफ्तार पकड़ी है। पहले जहां जीपीओ खाताधारियों को बमुश्किल से 10-15 हजार रुपयों का जुगाड़ कर पाता था वहीं अब पिछले तीन महीनों से कैश सरप्लस चल...
नोटबंदी की मार झेलने के बाद जीपीओ में लेन देन ने पहली बार रफ्तार पकड़ी है। पहले जहां जीपीओ खाताधारियों को बमुश्किल से 10-15 हजार रुपयों का जुगाड़ कर पाता था वहीं अब पिछले तीन महीनों से कैश सरप्लस चल रहा है। नोटबंदी के दौरान जीपीओ को अपने खाताधारियों के लिए एसबीआई की मुख्य शाखा से कैश उधार लेना पड़ रहा था। अब जीपीओ प्रत्येक दिन औसतन 30-40 लाख रुपये अपने खाते में जमा कर रहा है। यह तब है जब उसके पांच लाख से अधिक खाताधारी बचत खातों से नकदी निकासी के साथ अपनी पूंजी को जमा भी कर रहे हैं। सभी ग्राहकों को पैसा समय पर मिल रहा है। नोटबंदी के दौरान जहां जीपीओ के मात्र 500 एटीएम उपभोक्ता थे वहीं अब यह संख्या 2250 के करीब पहुंच गई है। यानी जीपीओ के एटीएम में पर्याप्त पैसा होने के चलते ही डाक एटीएम धारकों की संख्या भी बढ़ रही है। जीपीओ के सीनियर पोस्टमास्टर जेपी सेमवाल ने कहा है कि मुख्य डाकघर में मौजूदा समय में डेढ़ दर्जन से अधिक बचत योजनाएं चल रही हैं। जिनसे पांच लाख उपभोक्ता जुड़े हैं। सभी उपभोक्ताओं की जरूरत पूरी करने के बाद जीपीओ के खाते में नकदी जमा होने से कैश सरप्लस होने लगा है।