VIDEO: दलित उत्पीड़न के खिलाफ पूर्व सीएम हरीश रावत ने शुरू किया उपवास
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दलित उत्पीड़न के विरोध में मंगलवार को उपवास रखकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ हरकी पैड़ी पर धरना दिया। उन्होंने कहा कि पूरे देश (खासकर उत्तर भारत) में दलित और कमजोरों का...
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दलित उत्पीड़न के विरोध में मंगलवार को उपवास रखकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ हरकी पैड़ी पर धरना दिया। उन्होंने कहा कि पूरे देश (खासकर उत्तर भारत) में दलित और कमजोरों का शोषण कर उनकी आवाज को दबाया जा रहा है। कुछ ताकतें देश को तोड़ने का प्रयास कर रही हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि दलितों के लोकतांत्रिक अधिकारों को समाप्त किया जा रहा है। कुछ ताकतें अपनी राजनीति के लिए लोगों को आपस में लड़ाने और घरों को बांटने का काम कर रही हैं। इसके विरोध में उपवास कर वह सामाजिक सौहार्द्ध बनाए रखने का संदेश देना चाहते हैं। प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि डबल इंजन वाली सरकार ने अपने तीन माह के कार्यकाल में 12 मोर्चों पर गरीब विरोधी फैसले लिये हैं। गरीबों को मिलने वाला सस्ता राशन बंद किया जा रहा है। पूर्व सरकार की कई कल्याणकारी योजनाओं को बंद किया जा रहा है। सरकार की सबसे बड़ी नाकामी बजट में समाज कल्याण की जनता से जुड़ी योजनाओं का उल्लेख नहीं करना है। इसमें दलितों और गरीबों के उत्थान से जुड़ी योजनायें और पेंशन संबंधी मामले आते हैं। उन्होंने कहा कि पहली बार किसी राज्य की सरकार ने ऐसा किया है।
पिथौरागढ़ में किसान की आत्महत्या के मामले पर पूर्व सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार संवेदनहीन रुख दिखा रही है। मुख्यमंत्री को एक साल तो मिलना चाहिएपूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि किसी भी सरकार के काम का आकलन करने के लिए तीन माह का समय काफी कम होता है। त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार को एक साल का समय आकलन के लिए मिलना चाहिए। राज्य में राजनीतिक स्थिरता रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह सरकार के काम का आकलन एक साल बाद करेंगे। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर कुछ नहीं कहना राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बारे में उन्हें कुछ नहीं कहना है। कहा कि जो भी कहना होगा वह लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी कहेंगे। सुषमा स्वराज ने तो कहना भी शुरू कर दिया है। एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को अपना घनिष्ठ मित्र बताते हुए उन्होंने शुभकामनायें दीं।