गैरसैण में बजट सत्र नहीं होने से खफा हरीश रावत विधानसभा के बाहर देंगे धरना
उत्तराखंड में बजट सत्र का आयोजन गैरसैंण में नहीं होने के विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत आठ जून को विधानसभा के सामने सांकेतिक धरना देंगे। आठ जून को विधानसभा बजट सत्र शुरू होने जा रहा है।...
उत्तराखंड में बजट सत्र का आयोजन गैरसैंण में नहीं होने के विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत आठ जून को विधानसभा के सामने सांकेतिक धरना देंगे। आठ जून को विधानसभा बजट सत्र शुरू होने जा रहा है। जमीन घोटालों की जांच के प्रति सरकार की नीयत सवाल उठाते हुए रावत ने जनजागरूकता अभियान छेड़ने का ऐलान भी किया है।
रविवार को राजीव भवन में मीडिया से बातचीत में रावत ने सरकार की नीतियों और हालिया कुछ फैसलों पर कड़े प्रहार किए। कहा कि बीते साल गैरसैंण में विस सत्र के दौरान संकल्प किया गया था कि बजट सत्र का आयोजन गैरसैंण में ही होगा। सरकार बजट सत्र देहरादून में करने जा रही है। यह विधानसभा के संकल्प का अपमान है। गैरसैंण में सत्र के लिए सभी अवस्थापना सुविधाएं मौजूद हैं। सरकार के फैसले के विरोध में एक घंटे का सांकेतिक धरना दिया जाएगा। रावत ने यूएसनगर के हाईवे मुआवजा घोटाले का जिक्र करते हुए कहा कि इस मामले मं जांच को लेकर सरकार की ढिलाई संदेह पैदा करने वाली है। इस घोटाले की जांच का श्रेय कांग्रेस को देते हुए रावत ने कहा कि इस मामले में एसआईटी जांच उन्होंने ही खुद बिठाई थी।
अब दबाव बनाया जा रहा है कि एनएचएई के अधिकारियों को जांच से हटाया जाए। ऐसा क्यों? इस घोटाले के तार दिल्ली तक जुड़े हुए हैं। ताली कभी एक हाथ से नहीं बजती। यदि सरकार इस मामले में ठोस कदम नहीं उठाती तो जल्द ही राज्य के जमीन घोटालों को लेकर जनजागरूकता अभियान छेड़ा जाएगा। बकौल रावत, मैं प्रदेश की जनता के बीच आमबाग घोटाला, मुआवजा घोटाला समेत तमाम मामलों को लेकर जनता के बीच जाऊंगा। आगे उन्होंने कहा कि भाजपा ने सरकार बनने पर 15 दिन में गन्ना किसानों का बकाया भुगतान करने का वादा किया था। आज भी करोड़ों रुपयों बकाया है। जल संचय दिवस पर भी सीएम केवल टायलेट के सिस्टर्न में रेत भरी बोतल रखने तक सीमित रह गए। जबकि उनसे उम्मीद बहुत ज्यादा थी।