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कांग्रेस बोली– यूपी के जिले उत्तराखंड में मिलाना चाहती है भाजपा

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने एक नया राजनीतिक शिगूफा छोड़ा है। शनिवार को राजीव भवन में प्रेस कांफ्रेस में किशोर ने आरोप लगाया कि यूपी और उत्तराखंड केंद्र सरकार के साथ मिलकर राज्य...

कांग्रेस बोली– यूपी के जिले उत्तराखंड में मिलाना चाहती है भाजपा
हिन्दुस्तान टीम,देहरादूनSun, 19 Nov 2017 10:56 AM
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कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने एक नया राजनीतिक शिगूफा छोड़ा है। शनिवार को राजीव भवन में प्रेस कांफ्रेस में किशोर ने आरोप लगाया कि यूपी और उत्तराखंड केंद्र सरकार के साथ मिलकर राज्य का नक्शा बदलना चाहते है। यूपी के हरिद्वार और यूएसनगर से सटे जिलों को उत्तराखंड में मिलाने की साजिश की जा रही है।

किशोर पिछले दिनों लखनऊ में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच हुई बातचीत को सार्वजनिक करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यूपी के जिलों को मिलाने का प्रयास किया गया तो कांग्रेस बर्दास्त न करेगी। स्थायी राजधानी के सवाल पर भी उन्होंने एक बार एक राज्य-एक राजधानी की बात दोहराई। कहा कि छोटे से राज्य में दो-दो राजधानी होना दासता का प्रतीक है। सरकार को चाहिए कि एक स्थायी राजधानी बनाए और जल्द उसकी घोषणा करे। साथ ही उन्होंने जोड़ा की गैरसैंण ही सही मायने में राज्य आंदोलनकारियों की भावनाओं का प्रतीक है। आल वेदर रोड पर को लेकर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि यह सड़क भला बनेगी भी? या इसका हश्र भी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन सा होने जा रहा है?

किशोर को क्या कहें, कांग्रेस उन्हें खूब जानती हैं: डॉ भसीन 

यूपी के जिलों को उत्तराखंड में मिलाने की आशंका को भाजपा ने किशोर उपाध्याय का मीडिया में सुर्खियां बटोरने का स्टंट करार दिया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ. देवेंद्र भसीन ने कहा कि किशोर का यह नया काम नहीं है। इससे पहले अपनी ही कांग्रेस सरकार के दौरान भी वो ऐसे ही काम किया करते थे। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी पूरा वक्त उनसे पीड़ित रहे। उनसे बेहतर भला कौन जानता होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र के साथ ही यूपी और उत्तराखंड में भाजपा की सरकारें हैं। सभी का फोकस राज्यों के विकास पर है। कांग्रेस इस प्रकार के फिजूल और आधारहीन मुद्दे तलाशकर वैमन्मस्य पैदा करने की साजिश रच रही हे। राजधानी के मुद्दे पर डॉ. भसीन ने कहा कि स्थायी राजधानी का मुद्दा भी कांग्रेस का ही उलझाया हुआ है। एक प्रदेश में तीन-तीन राजधानी बनाने का काम भी कांग्रेस के कार्यकाल में ही हुआ है।

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