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103 दिन चले मां पूर्णागिरि मेले का हुआ समापन

14 मार्च से 24 जून तक चले सुप्रसिद्ध माँ पूर्णागिरि शक्तिपीठ के मेले का विधिवत समापन हो गया। जिला पंचायत के ठुलीगाढ़ स्थित कैम्प कार्यालय में इसका समापन मुख्य अतिथि मेला मजिस्ट्रेट अनिल चन्याल ने...

103 दिन चले मां पूर्णागिरि मेले का हुआ समापन
हिन्दुस्तान टीम,चम्पावतSat, 24 Jun 2017 07:28 PM
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14 मार्च से 24 जून तक चले सुप्रसिद्ध माँ पूर्णागिरि शक्तिपीठ के मेले का विधिवत समापन हो गया। जिला पंचायत के ठुलीगाढ़ स्थित कैम्प कार्यालय में इसका समापन मुख्य अतिथि मेला मजिस्ट्रेट अनिल चन्याल ने किया। 103 दिनों तक चले इस मेले के सफल आयोजन के लिए उन्होंने मेले से जुड़े सभी लोगों का आभार जताया। चन्याल ने संसाधनों के अनुरूप व्यवस्थाएं करने और भविष्य में मेले को और भव्य रूप देकर सुविधाओं के विस्तार की बात कही। उन्होंने मेला संचालित करने के लिए स्थानीय व्यापारियों, पुजारियों, मेला कमेटी, टैक्सी यूनियन, एडीबी, एसएसबी व विभिन्न विभागों को सहयोग के की सराहना भी की। उन्होंने बताया इस वर्ष मेलावधि में 27 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन किए। मेला कमेटी अध्यक्ष भुवन पाण्डेय ने कहा बारिश को देखते हुए सायं आठ बजे बाद मां पूर्णागिरि के दर्शन नहीं हो पाएंगे। वहीं टैक्सी यूनियन ने मेला मजिस्ट्रेट से सभी टैक्सियों को भैरो मन्दिर तक जाने की अनुमति देने की मांग की। इस अवसर पर सीओ आरएस रौतेला, कोतवाल अरुण वर्मा, जिला पंचायत के जेई नन्द किशोर उप्रेती, जिला पंचायत से विजय उप्रेती, मेला कमेटी अध्यक्ष भुवन पाण्डेय, टैक्सी यूनियन अध्यक्ष सुरेन्द्र गुप्ता, जल संस्थान के जेई वीएस कुआर्वी, विद्युत विभाग के जेई परविन्द्र सिंह, डॉ. जेवी चंद आदि मौजूद रहे।--इंसेट--श्रद्धालुओं को बुनियादी सुविधाओं से होना पड़ेगा वंचितटनकपुर। पूर्णागिरि में मेलावधि के समाप्त होने के बाद भी श्रद्धालुओं का आना निरंतर जारी रहता है। लेकिन पूर्णागिरि मेले के समापन के साथ ही श्रद्धालुओं को मिलने वाली सरकारी सुविधाएं मसलन सुरक्षा, चिकित्सा व पथ प्रकाश आदि का लाभ श्रद्धालुओं को नहीं मिल पायेगा। इसी को देखते हुए पहले 15 जून को समाप्त होने वाले मेले की अवधि 9 दिन और बढ़ाकर 24 जून की गई। लेकिन अब बरसात का सीजन शुरू होने की वजह से पूर्णागिरि मार्ग और पूर्णागिरि क्षेत्र में भू-स्खलन आदि का खतरा हमेशा बना रहता है। इसी के चलते प्रशासन के सामने इसकी अवधि बढ़ाना सम्भवन नहीं हो पाता। व्यवस्थाऐं हटने से ठुलीगाड़ से भैरव मन्दिर तक के करीब नौ किमी क्षेत्र में पथ प्रकाश व्यवस्था नहीं रह पाएग। इससे श्रद्धालुओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। भैरव मन्दिर व काली मन्दिर चौकी से होने वाली सुरक्षा व्यवस्थाएं भी अब ठुलीगाढ़ चौकी से ही संचालित होंगी। उधर मेला मजिस्ट्रेट एसडीएम चन्याल ने बताया मेले की अधिकारिक अवधि समाप्त होने पर सरकारी सुविधाऐं भी हटा ली जाती हैं। लेकिन उन्होंने विभिन्न विभागों के सहयोग से व्यवस्थाएं कुछ दिनों तक जारी रखने के प्रयास की बात कही। छुटपुट खामियों के अलावा मेला शांती पूर्ण सम्पन्न टनकपुर। छुटपुट खामियों के अलावा मेला शांती पूर्ण निपटा। मेले के शुभारम्भ के दिनों में बाहरी पुलिस फोर्स के चुनाव आदि डयूटि के चलते सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित रही। इसी तरह पेयजल संकट कई स्थानों में बना रहा। वाहनों की ओवर लोडिंग और ओवर स्पीड की समस्या भी मेले के दौरान छाई रही। रफ्तार की आंधी में श्रद्धालु घायल भी हुए थे। दो मासूम बच्चे भी वाहनों की चपेट में आने से मौत का निवाला बने थे।

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