14 ट्रैपिंग कैमरों की निगरानी में हाथीखोड़ जंगल
वन विभाग ने हाथीखोड़ जंगल को 14 ट्रैपिंग कैमरों की निगरानी में रख दिया है। साथ ही बाघ पकड़ने के लिए वहां एक पिंजरा भी स्थापित कर लिया है। बावजूद अब तक इस जंगल में बाघ की आमद दर्ज नहीं हो पाई है। इससे...
वन विभाग ने हाथीखोड़ जंगल को 14 ट्रैपिंग कैमरों की निगरानी में रख दिया है। साथ ही बाघ पकड़ने के लिए वहां एक पिंजरा भी स्थापित कर लिया है। बावजूद अब तक इस जंगल में बाघ की आमद दर्ज नहीं हो पाई है। इससे वन महकमे की चिंताएं भी बढ़ने लगी हैं। बीते शनिवार को टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग के बस्तिया गांव से सटे हाथीखोड़ नाले के चम्पावत वन प्रभाग के कम्पाट नंबर- 15 में पड़ने वाले जंगल में घास काटने गई एक महिला को बाघ ने निवाला बना लिया था। घटना से पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई थी। बाघ इस जंगल के आसपास इससे पूर्व भी दो महिलाओं का शिकार कर चुका है। गुस्साए लोगों ने हाईवे जाम कर बाघ पकड़ने के लिए वन विभाग को दस दिन का अल्टीमेटम दिया था। चार-पांच दिन तक वन विभाग की टीम जंगल में गश्त कर बाघ की मूवमेंट तलाशने की कोशिश में जुटी रही। बावजूद इसके टीम को सफलता नहीं मिल पाई थी। रेंजर बीके महरा ने बताया कि एक दो दिन तक बाघ की मूवमेंट पर नजर रखी जाएगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि बाघ पिंजरें में रखे कटरे का शिकार के लिए जरूर आएगा। जैसे ही वह पिंजरे में कैद कटरे पर हमला करने के लिए आगे बढ़ेगा वह खुद पिंजरे में कैद हो जाएगा। बहरहाल वन विभाग ने एक पिंजरा घटना स्थल पर लगा दिया है। विभाग की टीम घटना के पास ही स्थित बस्तिया चौकी से ही निगरानी रखे हुए है। उसके साथ ही उन्होंने बताया कि बूम रेंज में कुल चौदह कैमरे लगाये गए हैं।