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लौबांज के देवेंद्र सिंह कोरंगा दुबई में फैला रहे उत्तराखंड की संस्कृति

गरुड़ तहसील के लौबांज गांव के देवेंद्र सिंह कोरंगा दुबई में उत्तराखंड की संस्कृति को फैला रहे हैं। वे 25 सालों से दुबई में रहते हैं। उन्होंने गांव के 20 युवाओं की वहां नौकरी भी लगाई है। उत्तराखंड...

लौबांज के देवेंद्र सिंह कोरंगा दुबई में फैला रहे उत्तराखंड की संस्कृति
हिन्दुस्तान टीम,बागेश्वरThu, 22 Jun 2017 06:31 PM
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गरुड़ तहसील के लौबांज गांव के देवेंद्र सिंह कोरंगा दुबई में उत्तराखंड की संस्कृति को फैला रहे हैं। वे 25 सालों से दुबई में रहते हैं। उन्होंने गांव के 20 युवाओं की वहां नौकरी भी लगाई है। उत्तराखंड ऐसोसिएशन दुबई के वे अध्यक्ष हैं। वे इसबीच घर आए हैं। उन्होंने आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान से बातचीत की। देवेंद्र सिंह कोरंगा 1993 से दुबई में हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के एक परिवार से वे प्रभावित हुए, 2000 में उत्तराखंड बना। उन्होंने दुबई में उत्तराखंड ऐसोसिएशन बनाया। 2007 में कैबिनेट मंत्री सतपाल महराज दुबई आए। ऐसोसिएशन की रूपरेखा तय की गई। उसका संविधान बनाया गया। वे अभी अध्यक्ष हैं। ऐसोसिएशन से 14 हजार उत्तराखंडी जो दुबई में हैं, सीधे तौर पर सदस्य हैं, जबकि 15 उत्तराखंडी वहां व्यवसायी हैं, वे भी जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि वे हरसाल उत्तराखंड म्युजिकल नाइट का आयोजन करते हैं। इसमें कुमाऊं और गढ़वाल के गायक और कलाकार शिरकत करते हैं। उन्होंने बताया कि वे इसबीच ओमान में रहते हैं। 2005 से वहां भी उत्तराखंड के कार्यक्रम करा रहे हैं। वहां उन्होंने उत्तरांचल कल्चरल संस्था बनाई है। इसमें नरेंद्र नेगी, मीना राणा, पप्पू कार्की, रमेश गोस्वामी, मीना राणा, माया उपाध्याय आदि शिरकत कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि वे उत्तराखंड के युवाओं के लिए काम करना चाहते हैं। अभी तक उन्होंने अपने गांव के 20 युवाओं को दुबई में नौकरी दिलाई है। जो सेल्स, फैक्ट्री और होटलों में सैफ हैं। कत्यूरी सभा भी है दुबई में प्रवासी भारतीय देवेंद्र सिंह कोरंगा ने बताया कि दुबई में कत्यूर सभा भी बनाई गई है। जिसका उद्देश्य कुमाऊं और गढ़वाल में विधवा, अनाथ और असहाय की मदद करना है। अब तक वे 500 से अधिक ऐसे लोगों को मदद कर चुके हैं। 2013 में आई आपदा में रुद्रप्रयाग, चमोली, उखीमठ, धारचूला, पिथौरागढ़ और कपकोट के लोगों को मदद की गई। कपकोट के 11 परिवार बेघर हो गए थे। उन्हें गैस सिलेंडर, चूल्हा, बर्तन, बिस्तर आदि भी दिया। दुबई में फंसे लोगों को मदद कोरंगा ने यह भी बताया कि दुबई में नौकरी करने के इच्छुक कई युवा एजेंटों के चक्कर में फंस जाते हैं। वे वहां पहुंच जाते हैं, लेकिन नौकरी नहीं मिलती। उन्होंने दर्जन से अधिक ऐसे भारतीय युवाओं को घर तक पहुंचाने में उनकी मदद की है। इसमें एक युवा बागेश्वर का भी शामिल है। माटी से है प्यार कोरंगा को अपनी माटी से प्यार है। उनका दुबई के अलावा मुंबई में भी मकान है, लेकिन कौसानी, लौबांज की माटी उन्हें हर साल गांव बुलाती है। वे देव मंदिरों में पूजा अर्चना कर लौट जाते हैं।

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