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भाजपा के कुछ बड़े नेता सीएम त्रिवेंद्र को अक्षम करने की साजिश कर रहे: करन

उपनेता विपक्ष और क्षेत्रीय विधायक करन माहरा ने प्रदेश सरकार को पथ भ्रमित बताते हुए भ्रष्टाचार व अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया। कहा, सरकार के तीन माह के कार्यकाल में विभिन्न आपराधिक घटनाओं...

भाजपा के कुछ बड़े नेता सीएम त्रिवेंद्र को अक्षम करने की साजिश कर रहे: करन
Center,HaldwaniFri, 26 May 2017 10:35 PM
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उपनेता विपक्ष और क्षेत्रीय विधायक करन माहरा ने प्रदेश सरकार को पथ भ्रमित बताते हुए भ्रष्टाचार व अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया। कहा, सरकार के तीन माह के कार्यकाल में विभिन्न आपराधिक घटनाओं से कानून व्यवस्था पर सवाल उठने के साथ जनता में असुरक्षा की भावना पैदा हुई है। सरकार की निष्क्रियता से स्पेशल कंपोनेंट का पैसा लैप्स हो गया। शराब बंदी का दावा करने वाली भाजपा ने गढ़वाल के छह जिलों में कच्ची शराबों की दुकानें खोल डाली। माहरा ने कहा, भाजपा के कुछ बड़े नेता मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को अक्षम करने का षडयंत्र रच रहें हैं। विधानसभा चुनावों के बाद पत्रकारों से पहली बार रूबरू उपनेता माहरा ने कहा, राज्य की जनता ने भाजपा पर विश्वास कर 57 विधायकों को चुनकर विधानसभा भेजा। लेकिन, अब जनता को स्वयं को ठगा महसूस कर रही है। देहरादून आरटीआइ कार्यालय में एक महिला से बदसलूकी की गई। रामनगर में माफिया ने वन रक्षक को ट्रैक्टर ट्राली से कुचल दिया। खटीमा में भाजपा नेता देवेंद्र चंद्र एक फैक्ट्री मालिक से अवैध वसूली के बाद एक महिला से बदसलूकी के केस में भी फंस चुके हैं। इसी भाजपा नेता का पुत्र उक्त महिला को धमकाते हुए सीसीटीवी में कैद हुआ है। विधायक ने कहा, इन घटनाओं ने सरकार की कानून व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है, अपराधियों के हौंसले बुलंद हैं। एनएच-74 घोटाले में सीबीआइ जांच की संस्तुति बाद सरकार ने अब अचानक यू-टर्न ले लिया। इस मामले में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के पत्र सारी पोल खोलकर रख दी है। घोटाले से संबंधित फाइलें गायब होने, एसडीएम का लैपटॉप चोरी होने की घटना से स्पष्ट हो गया है कि अपराधियों को केंद्र व राज्य दोनों सरकारों का संरक्षण प्राप्त है। शराब की खातिर राज्य मार्गों को जिला मार्गों में तब्दील करने से बेहतर होता सरकार न्यायालय में ठोस पैरवी करती। सरकार ने जता दिया कि राज्यों मार्गों के रख-रखाव में वह सक्षम नहीं, इससे पर्यटन आधारित राज्य की प्रतिष्ठा भी गिरी है। शराब बंदी का दावा करने वाली सरकार ने गढ़वाल के छह जिलों में पहली बार कच्ची शराब की दुकानें खुलवा दी। शराब की दुकानों का समय निर्धारित करने से तस्करी को बढ़ावा मिलेगा। माहरा ने कहा, राज्य सरकार की निष्क्रियता व अकर्मण्यता के कारण केंद्र से मिलने वाला स्पेशल कंपोनेंट प्लान का पैसा लैप्स हो गया। राज्य के साथ अनुसूचित जाति, जनजाति व अल्पसंख्यक वर्ग को इससे बड़ा नुकसान पहुंचा है। सरकार ने साबित कर दिया कि वह इस वर्ग की हितैषी नहीं है। उन्होंने कहा, भाजपा के कुछ बड़े नेता या तो मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र को अक्षम साबित कराना चाहते हैं अथवा सीएम में स्वयं राजनीतिक परिपक्वता की कमी है।

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