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BHU अपडेट: कुलपति ने तोड़ी चुप्पी, कहा- बाहरी छात्रों ने आंदोलन को हवा दी

बीएचयू में छेड़खानी का विरोध करते हुए सिंहद्वार पर दो दिनों से धरना-प्रदर्शन कर रहीं छात्राओं का आंदोलन शनिवार को और हिंसक हो गया। शनिवार देर रात यूनिवर्सिटी में हिंसा बढ़ी और रविवार सुबह तक भी परिसर...

बीएचयू के कुलपति प्रोफेसर गिरिश चंद त्रिपाठी
1/ 6बीएचयू के कुलपति प्रोफेसर गिरिश चंद त्रिपाठी
बीएचयू के छात्र गिरफ्तार
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हॉस्टल से छात्राएं अपने घर के लिए जा रही हैं
3/ 6हॉस्टल से छात्राएं अपने घर के लिए जा रही हैं
महिला महाविद्यालय पहुंचे वाराणसी के कमिश्नर
4/ 6महिला महाविद्यालय पहुंचे वाराणसी के कमिश्नर
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लाइव हिन्दुस्तान,वाराणसीSun, 24 Sep 2017 06:21 PM
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बीएचयू में छेड़खानी का विरोध करते हुए सिंहद्वार पर दो दिनों से धरना-प्रदर्शन कर रहीं छात्राओं का आंदोलन शनिवार को और हिंसक हो गया। शनिवार देर रात यूनिवर्सिटी में हिंसा बढ़ी और रविवार सुबह तक भी परिसर के बाहर बवाल का आलम रहा। हालात को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती हुई। इस बीच रविवार शाम को बिड़ला छात्रावास के पास से पुलिस ने करीब 16 छात्रों को गिरफ्तार कर लिया है। 

वहीं दूसरी ओर रविवार को बीएचयू के कुलपति प्रोफेसर गिरिश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि कि हमें पता चला है कि बड़ी मात्रा में बाहर से आए लो इस आंदोलन को हवा देने की कोशिश कर रहे थे। साथ ही हमें सूचना मिली है कि कुछ असामाजिक तत्व विश्वविद्यालय के माहौल को बदनाम करने का षड्यंत्र रच रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे एक विद्यार्थी के साथ दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी उसके बाद हमने तय किया हमें सुरक्षा के प्रति सख्त होना है। हमने इसको लेकर प्रयास भी किए। कुलपति ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कैंपस में छात्राओं की सुरक्षा से हम भी सहमत हैं और इसके लिए लगातार प्रयास भी किये जा रहे हैं। साथ ही जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। 

सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे मामले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है। सूत्र बता रहे हैं कि छात्राओं को हॉस्टल खाली करने का फरमान दिया गया है। कैंपस को 2 अक्टूबर तक बंद करने का ऐलान किया गया है। वहीं दूसरी ओर यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने इस पूरे मामले को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि बातचीत से ही समस्या का हल हो सकता है।

DM ने कहा- कानून व्यवस्था हाथ में लेने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा
वाराणसी के जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आर के भारद्वाज ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में हुए घटना पर दुख व्यक्त करते हुए छात्र छात्राओं एवं उनके अभिभावको से शांति की अपील की है। उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि किसी भी दशा में हिंसा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और अराजक तत्वों से कड़ाई से निपटा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में बीएचयू प्रशासन से वार्ता कर समस्या का समाधान सुनिश्चित कराने का अभी जिला प्रशासन प्रयास करेगा लेकिन छात्र-छात्राएं पूरी संयम एवं शांति बनाए रखें।

रविवार को सुबह से बीएचयू के हॉस्टल में रहने वाली छात्राएं अपने घर के लिए निकल रही हैं। वहीं जब पत्रकारों ने इन छात्राओं से बात करनी चाही तो वो गुस्सा हो गईं और बात करने से मना कर दिया। वहीं दूसरी ओर आज वाराणसी के डीएम और एसएसपी बीएचयू के कुलपति से मिलने पहुंचे हैं और इस पूरे प्रकरण पर उनसे बातचीत भी करेंगे। इसके अलावा आज कमिश्नर भी महिला महाविद्यालय पहुुंचे और वहां मौजूद छात्राओं से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली।

कल से दशहरा की तैयारियां शुरू होने वाली थी और पीएम मोदी भी कल ही बनारस से लौटे और इधर छात्राओं का प्रदर्शन और बढ़ गया है। 12 से ज्यादा छात्राएं पुलिस से झड़प में घायल हो गईं, उन्हें अस्पताल ले जाया गया है, कुछ छात्राओं ने जब जबरन वाइस चांसलर के घर में घुसने की कोशिश की तो उनके साथ भी पुलिस ने बदसलूकी की। एक छात्रा के बाल भी काट दिए गए। 

शनिवार रात छावनी में तब्दील हुआ बीएचयू

शनिवार रात 1 बजे तक पुलिस और छात्राओं के बीच झड़प चलती रही। हालात इतने बेकाबू हो गए कि 1500 से ज्यादा पुलिस बल को तैनात करना पड़ा। जब छात्राओं ने वाइस चांसलर के घर में घुसने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें रोकना चाहा और हाथापाई हो गई। पुलिस ने हवाई फायरिंग की और छात्राओं पर पथराव भी किया। छात्राओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें धक्का दिया नीचे गिरा दिया। उनपर हाथ भी उठाया। जबकि कुछ छात्राएं प्रदर्शन का हिस्सा नहीं थी, वे बस ऐसे ही दूर खड़ीं थी।

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कैंपस में कर्फ्यू जैसे हालात, सर्च ऑपरेशन शुरू

वीसी लॉज के सामने छात्र-छात्रओं पर लाठीचार्ज के बाद उग्र हुए आंदोलन में पुलिस को छात्रों पर काबू पाने के लिए 35 राउंड से अधिक हवाई फायरिंग करनी पड़ी। पुलिस बल की ओर से की जा रही हवाई फायरिंग का जवाब उपद्रवी छात्रों द्वारा बोतल बम और फायरिंग से दिया जा रहा था। रात करीब पौने ग्यारह बजे छात्रों और बीएचयू के सुरक्षाकर्मियों के बीच रुइया छात्रवास चौराहे के सामने तनातनी चल रही थी।

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छात्रों की ओर से पथराव का क्रम जारी था। सुरक्षाकर्मी अपने बचाव में पथराव कर रहे थे। करीब 11 बजे रात एसपी सिटी फोर्स की पहली टुकड़ी के साथ पहुंचे और आगजनी करने वाले छात्रों की ओर हवाई फायरिंग करते हुए आगे बढ़े। छात्रों का समूह पथवार करते हुए पीछे हट और बिड़ला छात्रवास के सामने घेराबंदी कर ली। इस बीच आगजनी कर रहे छात्रों ने बीच सड़क पर एक स्कूटी में आग लगा दी।

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दूसरे ने रुइया मैदान से पेट्रोल में भीगा कपड़ा जला कर पेड़ पर फेक दिया। बिड़ला के सामने के हालात की सूचना जैसे ही सिंहद्वार पर धरना दे रहे छात्रों को मिली उन्होंने महिला महाविद्यालय के गेट पर हमला कर दिया। सैकड़ों छात्रों के उत्पात मचा रहे थे कि भरी संख्या में पुलिस बल छात्रों पर टूट पड़ा। एमएमबी चौराहे से आगे-आगे छात्र और उनके पीछे पुलिस बल। सैकड़ों पुलिसवाले बीएचयू की सड़कों पर लाठी बरसाते दौड़ रहे थे। इधर बिड़ला के सामने बेकाबू हो रहे छात्रों को हॉस्टल में खदेड़ने के बाद पुलिस भी बिड़ला में घुस गई।

इस उपद्रव के कुछ ही देर बार एमएमबी की छात्रएं भी चौराहे पर निकल आईं और सीओ कैंट की गाड़ी को घेर लिया। मौके पर वीडियोग्राफी कर रहे सिपाही से उसका कैमरा भी छीनने का प्रयास किया। देखते ही देखते छात्रओं की संख्या बढ़ती गई। छात्रएं भी बेकाबू हो गई। रात करीब एक बजे छात्रओं को काबू करने के फिर से लाठी चार्ज किया गया। ठीक आधी रात के वक्त बीएचयू सुलग रहा था। एसपी सिटी, सीओ कैंट, एसओ चेतगंज, एसओ लंका, एएओ भेलूपुर फोर्स के साथ अंदर छात्रों से मोर्चा ले रहे थे। ठीक इसी समय डीएम, एसएसपी और सीओ भेलूपुर, मौके से आठ सौ मीटर दूर संत रविादास गेट पर खड़े थे। रात करीब एक बजे आलाअधिकारी बीएचयू में दाखिल हुए।

ऐसे भड़की आंदोलन की आग

पिछले 40 घंटे से सड़क पर धरना-प्रदर्शन कर रहीं छात्राओं के प्रति बीएचयू प्रबंधन संवेदनशील रुख अपनाता तो शायद परिसर अशांत होने से बच जाता। छात्राएं वीसी को धरनास्थल पर बुलाने पर अड़ी थीं। शनिवार रात 8:30 बजे छात्राओं से बात करने कुलपति जीसी त्रिपाठी त्रिवेणी हॉस्टल जा रहे थे तभी छात्रों ने नारेबाजी शुरू कर दी। इससे नाराज होकर कुलपति बिना वार्ता किए लौट गए। इसके बाद करीब डेढ़ सौ छात्र और छात्राएं कुलपति आवास प्रदर्शन करने पहुंच गए।

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