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Video वाराणसी: वसूली के खिलाफ ऑटो हड़ताल, पैदल हुए शिवगंगा के यात्री

वाराणसी के मॉडल स्टेशन मंडुवाडीह पर रविवार की सुबह रेलवे की अवैध वसूली के खिलाफ आटो वालों ने हड़ताल कर दी। रेलवे के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आटो चालकों ने स्टेशन के सामने ही चक्काजाम कर दिया। इससे...

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वाराणसी, लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 20 Nov 2017 12:54 PM
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वाराणसी के मॉडल स्टेशन मंडुवाडीह पर रविवार की सुबह रेलवे की अवैध वसूली के खिलाफ आटो वालों ने हड़ताल कर दी। रेलवे के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आटो चालकों ने स्टेशन के सामने ही चक्काजाम कर दिया। इससे दिल्ली से पहुंची शिवगंगा एक्सप्रेस के सैकड़ों यात्रियों को दो से तीन किलोमीटर तक पैदल चलकर सवारी पकड़नी पड़ी। मौके पर पहुंचे आरपीएफ इंस्पेक्टर ने लोगों से चक्काजाम खत्म करने की गुजारिश की। आम शहरियों की परेशानी को देखते हुए आटो चालकों ने सड़क खाली कर दी अौर पटरी किनारे ही धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।लगभग तीन चार घंटे बाद पहुंचे स्टेशन मास्टर से बातचीत के बाद ऑटो हड़ताल बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।  

15 की जगह 30 रुपये लेने पर बिगड़ी बात
मंडुवाडीह स्टेशन पर आने वाले आटो चालकों से रेलवे के ठेकेदार हर 12 घंटे का 15 रुपये लेते हैं। रविवार की सुबह ठेकेदार ने अचानक 30 रुपया लेना शुरू कर दिया। इससे आटो चालक भड़क गए अौर रुपये न देकर सवारी बिठाने लगे। इस पर ठेकेदार के किसी आदमी ने एक आटो वाले की पिटाई कर दी। पिटाई से आक्रोशित चालकों ने इसकी जानकारी अपने आटो यूनियन के अध्यक्ष दीनानाथ सिंह दीनू को दी अौर सड़क जाम कर नारेबाजी शुरू कर दी। इसी बीच शिवगंगा एक्सप्रेस भी पहुंच गई।

आटो चालकों ने हड़ताल का एलान करते हुए सवारी बैठाने से इनकार कर दिया। चक्काजाम से दोनों अोर वाहनों की कतार भी लग गई। करीब एक घंटे बाद पहुंचे आऱपीएफ इंस्पेक्टर दिमाग सिंह ने आटो वालों से सड़क किनारे आकर प्रदर्शन की गुजारिश की ताकि आम लोगों को परेशानी न हो। अध्यक्ष दीनू के कहने पर आटो चालकों ने चक्काजाम खत्म कर सड़क किनारे ही प्रदर्शन शुरू कर दिया। 

अब सड़क पर पार्किंग का 15 रुपया भी नहीं देंगे
आटो चालकों ने अब 15 रुपये भी देने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि केवल रेलवे परिसर में जाने पर ही पार्किंग शुल्क ली जानी चाहिए। सड़क पर सवारी उतारने य़ा बैठाने पर पार्किंग शुल्क अब नहीं देंगे। दीनू ने एलान किया कि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो पूरे शहर में आटो की हड़ताल कर दी जाएगी।

ई-रिक्शा अौर अोल कैब को भी नहीं उठाने दी सवारी

हड़ताल करते ही आटो चालकों ने ई-रिक्शा वालों को भी सवारी नहीं लेने दी। कुछ लोगों ने स्टेशन से ही अोला कैब बुक कराकर बुलाई लेकिन उन्हें भी निराशी हाथ लगी। हड़ताली आटो चालकों ने अोला को भी सवारी नहीं लेने दी। एक परिवार तो अपने साथ अोला लेकर किसी को रिसीव करने पहुंचा था लेकिन उसे भी बैरंग लौटना पड़ा।

चक्काजाम की खबर मिलते ही बिना वर्दी पहुंचे आरपीएफ इंस्पेक्टर दिमाग सिंह अौर आटो यूनियन के अध्यक्ष दीनू के बीच बातचीत के दौरान ही झड़प होते-होते बची। सड़क पर प्रदर्शन के बजाए सड़क किनारे प्रदर्शन की गुजारिश के दौरान इंस्पेक्टर ने जब अध्यक्ष से कह दिया कि नहीं हटेंगे तो लाठीचार्ज  भी हो सकता है। इस पर कुछ उत्साही आटो चालकों ने धक्कामुक्की की कोशिश की लेकिन इंस्पेक्टर ने समझदारी से काम लिया अौर लोगों को सड़क किनारे प्रदर्शन करने पर मनाने में सफल हो गए।

दीनू का छलका वर्षों का पुराना दर्द

सालों बाद आटो चालकों को संगठित होता देख यूनियन के अध्यक्ष दीनू का पुराना दर्द छलक गया। उन्होंने कहा कि आप लोग आसानी से यहां 15  रुपया अौर सिटी स्टेशन पर 50 रुपया दे देते हैं लेकिन जब यूनियन आपसे पांच रुपया मांगता है तो नहीं देते। आप लोगों के लिए ही कई बार पुलिस की लाठियां खाईं। कई दिनों तक जेल में रहा। आज यूनियन की जीप को ठीक कराने के लिए भी पैसा नहीं है। आप लोगों को इस तरह से देखकर अच्छा लग रहा है। शहर में हमारी संख्या 25 हजार है। जिस दिन ई-रिक्शा आया हम लोगों ने विरोध नहीं किया। उसका खामियाजा हम सभी  के सामने है। हम अवैध वसूली में मददगार बने रहे। अब वसूली नहीं होने देंगे। स्टेशन के बाहर एक रुपया पार्किंग के नाम पर नहीं देंगे। अगर जबरदस्ती की गई तो पूरे शहर में आटो की हड़ताल कर दी जाएगी। दीनू ने अपने बगल में खड़े उपाध्यक्ष भगवान दास की अोर इशारा करते हुए कहा कि पूछिये पुलिस वालों ने कितनी धाराअों में मेरे ऊपर केस किया लेकिन हम टस से मस नहीं हुए। आज आप भी बिना मांग पूरी हुए हड़ताल खत्म नहीं करेंगे।

बच्चों अौर परिवार वाले यात्री घंटों परेशान रहे

सुबह पौने आठ बजे शिवगंगा एक्सप्रेस से मंडुवाडीह पहुंचे काफी यात्री स्टेशन परिसर में ही घंटों बैठे रहे। जो लोग परिवार और काफी सामान के साथ थे उनके सामने आटो हड़ताल के कारण कोई विकल्प नहीं था। इनमें कई यात्री ऐसे भी थे जिन्हें कैंट स्टेशन से दूसरी ट्रेन या बस पकड़कर पूर्वांचल के अलग-अलग जिलों में जाना था।

सड़क पर सवारी उतारने का भी 15 रुपया

आटो चालकों के अनुसार स्टेशन के सामने किसी यात्री को उतारने या वहां से बैठाने पर भी रेलवे ठेकेदारों को 15 रुपया देना होता है। ठेकेदार के आदमी लाठी लेकर स्टेशन के एक छोर से दूसरे छोर तक खड़े रहते हैं। अगर किसी आटो ने वहां कोई सवारी उतारी तो तत्काल उसे रोक लेते हैं अौर पार्किंग के नाम पर 15 रुपया मांगते हैं। इसी तरह कोई आटो डीरेका से गोदौलिया आ रहा हो अौर स्टेशन के सामने सवारी बैठा ले तब भी 15 रुपया मांगा जाता है। मजबूरी में आटो वाले स्टेशन के सामने अौर उसके अगल-बगल से सवारी नहीं लेते।

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