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घर लौटने जैसा है भाजपा में आना : अपराजिता

जिला पंचायत अध्यक्ष अपराजिता सोनकर के भाजपा में जाना समाजवादी पार्टी के लिए निकाय चुनाव से ठीक पहले बड़ा झटका है। सपा के दिग्गज नेताओं ने इस पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया भी व्यक्त की और कहा कि अपराजिता...

घर लौटने जैसा है भाजपा में आना : अपराजिता
वाराणसी। मुख्य संवाददाताSat, 18 Nov 2017 12:06 PM
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जिला पंचायत अध्यक्ष अपराजिता सोनकर के भाजपा में जाना समाजवादी पार्टी के लिए निकाय चुनाव से ठीक पहले बड़ा झटका है। सपा के दिग्गज नेताओं ने इस पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया भी व्यक्त की और कहा कि अपराजिता ने पार्टी के साथ विश्वासघात किया है।  वहीं अपराजिता सोनकर का कहना है कि सपा में रहते हुए काफी तनाव में थी। विभागीय कार्यों के लिए तमाम दबाव बनाया जाता रहा। भाजपा में शामिल होकर वह अपने घर लौटी हैं।  

पिछले कई दिनों से राजनीतिक गलियारे में इस बात की सुगबुगाहट थी कि समाजवादी पार्टी के कुछ बड़े नेता भाजपा में शामिल हो सकते हैं। मगर किसी भी पदाधिकारी को इस बात का अहसास तक नहीं था कि जिला पंचायत अध्यक्ष ही साथ छोड़ देंगी।

दोपहर में लखनऊ से अचानक भाजपा का दामन पकड़ने की खबर सोशल मीडिया पर वायरल होते ही सपा के स्थानीय नेता सकते में आ गए। सभी एक-दूसरे से इस बात की सच्चाई की तस्दीक करते रहे। पिछले दिनों जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ भाजपा की ओर से अविश्वास प्रस्ताव लाया था। तब समाजवादी पार्टी ने अपनी पूरी ताकत लगाकर अध्यक्ष पद बरकरार रखा और भाजपा को मुंह खानी पड़ी। मगर भाजपा अपराजिता को पार्टी में शामिल कराकर सपा को निकाय चुनाव में तगड़ा झटका दे दिया है। अपराजिता का भाजपा में शामिल होने से न केवल कार्यकर्ताओं के मनोबल पर असर पड़ेगा बल्कि नगर पालिका परिषद रामनगर एवं नगर पंचायत गंगापुर में भी सपा के चुनावी अभियान पर असर पड़ सकता है। 

जिला पंचायत अध्यक्ष अपराजिता ने थामा भाजपा का दामन

चुनाव प्रचार से दूर थीं अपराजिता 
निकाय चुनाव प्रचार के पार्टी नेताओं की ओर से कई बार अपराजिता को बुलाया गया। यहां तक कि नगर पालिका परिषद रामनगर एवं नगर पंचायत गंगापुर के प्रत्याशियों की ओर से कई बार उन्हें प्रचार के लिए अनुरोध किया। मगर अपराजिता ने तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर प्रचार से दूरी बना रखी थी।

एक माह से भाजपा नेताओं के संपर्क में थी
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि अपराजिता पिछले एक माह से संपर्क में थीं। मगर उन्होंने अमित शाह से वार्ता के बाद ही पार्टी में शामिल होने की बात कही। इसके लिए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेन्द्र पाण्डेय ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के अलावा प्रदेश प्रभारी ओम माथुर से वार्ता की। तय हुआ कि निकाय चुनाव के पहले अपराजिता को पार्टी में शामिल किया जाए। राष्ट्रीय स्तर पर संकेत मिलने के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता अशोक तिवारी गुरुवार को अपराजिता को लेकर लखनऊ पहुंचे। 

बोले सपा नेता, अपराधिता ने विश्वासघात किया
जिला पंचायत अध्यक्ष अपराजिता सोनकर के भाजपा में शामिल होने की घटना से समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता काफी सकते में हैं। खासकर, जिला पंचायत के वे सदस्य जो अविश्वास प्रस्ताव के दौरान पूरी निष्ठा के साथ अपराजिता के साथ खड़े रहे। समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद रामकिशुन, पूर्व मंत्री सुरेन्द्र पटेल एवं जिलाध्यक्ष डॉ. पीयूष मिश्र पार्टी के साथ विश्वासघात करार दिया है। नेताओं ने कहा है कि भाजपा में शामिल होकर अपराजिता ने अपना राजनीतिक कैरियर खत्म कर लिया। क्योंकि भाजपा कभी किसी भी बाहरी नेताओं के लिए निष्ठावान नहीं रही है। जिला पंचायत सदस्य संजय मिश्र ने कहा कि जिस अविश्वास प्रस्ताव के जरिए उनकी कुर्सी बची थी अब कितने दिन तक कुर्सी बरकरार रहेगी यह जल्द पता चल जाएगा।

करोड़ों के ठेके पर कइयों की नजर 
जिला पंचायत अध्यक्ष के भाजपा में शामिल होने के बाद तरह-तरह की चर्चाएं भी शुरू हो गई है। एक चर्चा यह भी रही कि टेंगरा मोड़ पर टोल टैक्स वसूली समेत जिला पंचायत से जुड़े करोड़ों के ठेके पर भाजपा से जुड़े कई नेताओं की नजर रही। अविश्वास प्रस्ताव के बाद से अपराजिता को पार्टी में शामिल कराने के लिए भाजपा के कुछ नेता लगे रहे और इसमें उन्हें सफलता भी मिल गई। 

सपा प्रदेश अध्यक्ष ने ली जानकारी 
दरअसल प्रदेश अध्यक्ष शुक्रवार को लखनऊ से जब बनारस के लिए निकले तभी वहां भाजपा मुख्यालय में जिला पंचायत अध्यक्ष भाजपा में शामिल हो रही थी। अपराजिता के भाजपा में शामिल होने की जानकारी के बाद सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने स्थानीय पार्टी नेताओं से जानकारी ली। उन्होंने स्थानीय नेताओं की रणनीतिक चूक करार दिया। परेड कोठी में पार्टी नेताओं के साथ बदले राजनीतिक हालात पर चर्चा की। देर रात तक चली बैठक में जिलाध्यक्ष डॉ. पीयूष यादव, महानगर अध्यक्ष राजकुमार जायसवाल, अखिलेश मिश्र, गणेश यादव, संजय गुप्त, हरीश नारायण सिंह, रमेश राजभर, जितेन्द्र यादव, मनोज राय धूपचंडी, डा. ओपी सिंह आदि मौजूद थे। 

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