VIDEO लोकगीतों पर लगे ठुमके तो चली पूरबिया बयार
सुरगंगा के तहत गुरुवार को भोजपुरी समाज की रसमयी उपस्थिति माहौल को भोजपुरिया रंग में रंगे रही। कलाकारों ने स्वर साधे तो श्रोताओं की ओर से खांटी बनारसी और भोजपुरी में उनका उत्साह बढ़ाया...
सुरगंगा के तहत गुरुवार को भोजपुरी समाज की रसमयी उपस्थिति माहौल को भोजपुरिया रंग में रंगे रही। कलाकारों ने स्वर साधे तो श्रोताओं की ओर से खांटी बनारसी और भोजपुरी में उनका उत्साह बढ़ाया गया। यूनेस्को के क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क, नगर निगम एवं सामाजिक संस्था पहल की ओर से सुरगंगा संगीत महोत्सव की 38वीं भोजपुरी निशा साहित्यकार पं.धर्मशील चतुर्वेदी को समर्पित रही। उत्सव की शुरुआत आबिद ज़माल व स्मृति शुक्ला ने महोत्सव गीत से की। इसके बाद अमलेश पाण्डेय ने मैं आज तोरे अंगना.... से शुरुआत की। शिव प्रसाद, सुनीता अग्रहरी, विकास पाण्डेय, जितेंद्र यादव, पवन मौर्या ने गीतों से आनंदित किया। शशिकांत कौशल ने खाटी अंदाज में काहे दॅगाबाजी कइलू.... से खूब तालियां बटोरीं।
इसके बाद चर्चित बिरहा गायक मन्नू लाल यादव पार्टी ने मंच संभाला। उन्होंने शुरुआत साहित्यिक बिरहा गुलजार मधुर रागन में लालिमा... से की। रसना गहन छन्द (जिभ्या को करताल से पकड़ कर गाया जाने वाला बिरहा) कंक ईंहा कॉव-कॉव कह मरई सुनाया। उनके साथ विभिन्न वाद्ययंत्रों पर महेन्द्र कुमार, बृजेन्द्र, चंचल यादव, राजेन्द्र विश्वकर्मा एवं रामनरेश आदि थे। इसके बाद विनोद सिंह ने परि रउरी पईयन चली....सुनाया। आदित्य शुक्ला ने तनी जा जा रे बदरा... की मनोहरी प्रस्तुति की।
निशा के मुख्य आकर्षण रियलटी शो सुर संग्राम के विजेता आलोक पाण्डेय ने शुरुआत देवाधिदेव महादेव को समर्पित डम-डम डमरू बजावे लें हमार जोगिया... से किया। फिर, कई गीतों से श्रोताओं को रससिक्त किया। अंत स्वच्छ काशी को समर्पित गीत स्वच्छ व सुन्दर बने यह काशी मन में हमने ठाना है.... सुनाया।
इनके अलावा अरुण सिंह, प्रिया कुमारी, आदित्य शुक्ला, जय प्रकाश शर्मा, सुमन अग्रहरी, तूफानी यादव, सूर्य प्रकाश मिश्रा, ज्योति गुप्ता, मनोज कुमार पाण्डेय, वैष्णवी ओझा आदि ने श्रोताओं को खूब रिझाया। मुख्य अतिथि 95 वीं बटालियन सीआरपीएफ के कमाण्डिंग आफिसर उदय प्रताप सिंह का अभिनंदन पहल संस्था के वरिष्ठ सदस्य हरिदास पारिख ने किया। संचालन जगदीश्वरी चौबे, घनश्याम सेठ, उत्कर्ष, नेहा, ओजस्वी एवं शिल्पी ने किया।