वाराणसी में झमाझम बारिश, जनजीवन अस्तव्यस्त
सावन के तीसरे सोमवार को झमाझम बारिश हुई। पांच घंटे में 101.4 मिमी हुई बारिश ने जनजीवन अस्तव्यस्त कर दिया। यह इस सीजन में एक दिन की सर्वाधिक बारिश है। अभी भारी बारिश का क्रम एक-दो दिन जारी रहने की...
सावन के तीसरे सोमवार को झमाझम बारिश हुई। पांच घंटे में 101.4 मिमी हुई बारिश ने जनजीवन अस्तव्यस्त कर दिया। यह इस सीजन में एक दिन की सर्वाधिक बारिश है। अभी भारी बारिश का क्रम एक-दो दिन जारी रहने की उम्मीद है।
दोपहर 12.30 बजे से भारी बारिश का जो क्रम शुरू हुआ वह करीब दो बजे तक जारी रहा। इसके बाद शाम को फिर बूदाबांदी शुरू हो गई। दोपहर करीब डेढ़ घंटे की बारिश से शहर में कई इलाकों में जलजमाव हो गया। कई घरों में पानी घुस गया। निचले इलाकों में रहने वाले अधिक परेशान हुए। कई गलियां भी जलमग्न हो गईं। यातायात व्यवस्था चरमरा गई। शहर के कई हिस्सों में देर शाम तक जाम लगा रहा। कैंट रेलवे स्टेशन की रेल पटरियों पर भी पानी जमा हो गया था।
जुलाई का कोटा फुल
जून में महज 67 फीसदी बारिश हुई जबकि औसत 113 मिमी का है। इससे लोगो में निराशा थी। देश के अन्य हिस्सों में भारी बारिश हो रही थी। पूर्वांचल में उतनी बारिश न होने से लोगों को आशंका थी कहीं जुलाई में भी बारिश कम न हो। सोमवार की बारिश ने जुलाई के औसत बारिश को पार कर लिया है। जुलाई में 313.7 मिमी बारिश होनी चाहिए मगर अब तक 427 मिमी वर्ष हो चुकी है। अर्थात जुलाई का कोटा फुल हो गया। बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रो.एस.एन.पांडेय का मानना है कि अभी जुलाई में और बारिश होगी। 2016 की जुलाई में 290.2 मिमी ही बारिश दर्ज की गई थी। वैसे, वाराणसी में सीजन में 900 मिमी बारिश का औसत है। अब तक 486 मिमी बारिश हो चुकी है। अभी अगस्त और सितंबर बाकी है।
लो प्रेशर एरिया का है असर
मौसम विज्ञानी प्रो.बीआरडी गुप्ता का कहना है कि कोलकाता से झारखंड तक हवा के कम दबाव (लो प्रेशर एरिया) का क्षेत्र बना हुआ है। इसका असर पूर्वांचल पर पड़ रहा है, जिससे भारी बारिश हुई। यह क्रम अभी दो दिन और जारी रह सकता है। इसके बाद बूदबांदी का क्रम जारी रहेगा।