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जेल से छूटा तो पाकिस्तान कैसे जाएगा जलालुद्दीन

सेंट्रल जेल में 14 साल से सजा काट रहे पाक नागरिक जलालुद्दीन की रिहाई का आदेश तो हो गया लेकिन पुलिस परेशान है कि उसे वापस कैसे भेजा जाए। उसके पास न तो पासपोर्ट है और न ही विजा। जासूसी के आरोप में उसको...

जेल से छूटा तो पाकिस्तान कैसे जाएगा जलालुद्दीन
हिन्दुस्तान टीम,वाराणसीSun, 20 Aug 2017 01:17 AM
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सेंट्रल जेल में 14 साल से सजा काट रहे पाक नागरिक जलालुद्दीन की रिहाई का आदेश तो हो गया लेकिन पुलिस परेशान है कि उसे वापस कैसे भेजा जाए। उसके पास न तो पासपोर्ट है और न ही विजा। जासूसी के आरोप में उसको कैंट क्षेत्र से पकड़ा गया था और कई धाराओं में केस चला था। 2003 में कोर्ट से 34 साल छह माह की सजा हुई थी। इस बाबत गृह मंत्रालय से निर्देश मांगा जा रहा है। जलालुद्दीन पाकिस्तान के ठठ्ठा जिले का है। उसके पिता का नाम अमीरूद्दीन है। पुलिस को उसके पास से आईएसआई के दस्तावेज मिले थे। इस जासूस को सजा तो 34 साल छह माह की हुई थी लेकिन जेल में उसके अच्छे चाल चलन के कारण हाई कोर्ट ने गत 24 जुलाई को उसकी सजा समाप्त करते हुए वापस उसके देश भेजने का आदेश दिया। जेल प्रशासन ने इस बाबत पुलिस, एलआईयू और अन्य संबंधित विभागों को लिखा है। रिहाई आदेश के 27 दिन बीत चुके हैं पर जलालु जेल से बाहर नहीं आ सका है। पेच यह कि उसको वापस पाक कैसे भेजा जाए, क्या जासूसी में सजा काट चुके शख्स को वहां की सरकार अपना नागरिक स्वीकार करेगी? इस प्रकरण में नाम-पता के साथ पाक दूतावास को भी जानकारी दी जा रही है। जिन धाराओं में मिली थी सजा जलालुद्दीन को शासकीय गुप्त बात अधिनियम धारा 3 में 14 साल, विदेशी अधिनियम धारा 14 में 5 वर्ष व पांच हजार रुपये का अर्थदण्ड व व्यतिक्रम में एक वर्ष की जेल, आईपीसी 468 में 7 साल व तीन हजार रुपये का दण्ड व व्यतिक्रम में 6 माह का अतिरिक्त कारावास, धारा 471 में सात साल की सजा व तीन हजार रुपये का अर्थदण्ड व 6 माह अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई थी। सभी सजायें अलग-अलग चलनी थीं। यानि कुल 34 साल 6 माह की सजा हुई थी। रिहाई में फंसा पेंच हाई कोर्ट से रिहाई का आदेश हो गया पर जलालुद्दीन को फिलहाल डिटेंशन सेंटर में ही रखने की तैयारी है। सबसे अहम यह कि अगर पाक दूतावास ने उसे अपना नागरिक नहीं माना तो पेच फंसेगा। ऐसे में पाकिस्तान स्थित उसके गांव से परिवार की सूचनाएं और सबूत हासिल करनी होगी।

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