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मन बिखरा तो समेटना मुश्किल: बालव्यास

कथा मर्मज्ञ बालव्यास पं. श्रीकान्त शर्मा ने कहा कि मन को समेट कर रखना आवश्यक है। यदि यह बिखर जाए तो समेटना मुश्किल होता है। ठीक वैसे ही जैसे सरसों के दाने बिखर जाते हैं तो उसे समेटना बड़ा ही कठीन...

मन बिखरा तो समेटना मुश्किल: बालव्यास
हिन्दुस्तान टीम,वाराणसीTue, 18 Jul 2017 09:12 PM
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कथा मर्मज्ञ बालव्यास पं. श्रीकान्त शर्मा ने कहा कि मन को समेट कर रखना आवश्यक है। यदि यह बिखर जाए तो समेटना मुश्किल होता है। ठीक वैसे ही जैसे सरसों के दाने बिखर जाते हैं तो उसे समेटना बड़ा ही कठीन होता है। नाटी इमली के ऐतिहासिक भरत मिलाप मैदान में चल रही आठ दिवसीय शिवमहापुराण कथा के चौथे दिन मंगलवार को प्रवचन के दौरान उन्होंने कहा कि वर्तमान में लोगों को धर्म के नाम पर गुमराह किया जा रहा है। वास्तविक धर्म वह है जो सबको शान्ति और सुख प्रदान करता है। बालव्यास ने काशी की महिमा का बखान करते हुए कहा कि शिवमहापुराण में काशी का उल्लेख है। कहा गया है कि काशी ही एक ऐसी नगरी है जिसे महादेव कभी एक क्षण के लिए भी नहीं छोड़ते हैं। इसलिए काशी का एक नाम अविमुक्त क्षेत्र भी है। काशी के देवता तो सिर्फ महादेव ही है। उन्होंने काशी के संतों का भी वर्णन किया और करपात्री महाराज के कुछ प्रसंगों को सुनाकर लोगों को प्रभावित किया। बालव्यास ने कहा कि जीवन में किसी भी व्यक्ति को ऐश्वर्य की कामना है तो वह शिव पूजन अवश्य करें। यदि हम परम पिता परमेश्वर की शरण में पहुंच जायें तो जीवन के सारे लक्ष्य स्वत: ही पूर्ण हो जाते हैं। जैसे ग्वाला अपनी गायों को ढ़ूढ़ता है उसी प्रकार परमात्मा भी अपने समस्त जीवों को ढूढ़ लेता है। डांडिया में दिखी मनोरम छटा भगवान गणेश जन्मोत्सव का उल्लास भी दिखा। कथा प्रेमियों पर गुलाब के साथ फूलों की बारिश की। इस दौरान मारवाड़ी युवा मंच वाराणसी गंगा की महिलाओं ने डांडिया की मनोहारी छटा बिखेरी। उन्होंने ‘शिवशंकर के घर आनन्द भयो गीत पर जमकर डांडिया किया। युवा मंच की ओर से नीतू मुरारका, रजनी कनोड़िया, अनिता भालोटिया, उमा बजाज, संगीता बजाज, अनुराधा बजाज, अनीता खेमका, मीनू पोद्दार, नीतू नवलगढ़िया, श्वेता केडिया, अंजू सराफ, संगीता मानसिंहला, मधु तुलस्यान, उषा जगनानी, नेहा गिनोडिया, प्रीति गोयनका, गरिमा नवलगढ़िया, प्रेरणा बाजोरिया, सुमन खेमका आदि महिलाओं ने बालव्यास का अभिनन्दन किया। विशिष्टजनों का हुआ सम्मान चार विशिष्टजनों का सम्मान हुआ। बालव्यास ने अन्नपूर्णा मंदिर के महन्त रामेश्वरपुरी महाराज, संगीतज्ञ पद्मभूषण पं. छन्नू लाल मिश्रा, काशी विद्यापीठ के कुलपति डॉ. पृथ्वीश नाग एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. कुसुम चन्द्रा को अंगवस्त्रम्, स्मृति चिह्न एवं माल्यार्पण कर सम्मानित किया।

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