10 दिवाली 10 कहानी : अयोध्या से पहले भगवान राम ने जहां किया था दीपदान
चित्रकूट यह वही जगह है जहां भगवान राम ने लंका विजय के बाद अयोध्या न जाकर आए थे। तभी से यहां भव्य आयोजन होता आ रहा है। धनतेरस के दिन से लगातार पांच दिनों तक यह मेला रहता है। इस दौरान यहां 25 से 30 लाख...
चित्रकूट यह वही जगह है जहां भगवान राम ने लंका विजय के बाद अयोध्या न जाकर आए थे। तभी से यहां भव्य आयोजन होता आ रहा है। धनतेरस के दिन से लगातार पांच दिनों तक यह मेला रहता है। इस दौरान यहां 25 से 30 लाख श्रद्धालु आते हैं।
दीवारी नृत्य रहता है आकर्षण
पांच दिनों तक चलने वाले इस दीपावली मेले में बुंदेलखंड का प्रसद्धि दीवारी नृत्य आकर्षण का केंद्र रहता है। मोरपंख लिए कलाकार जगह जगह टोलियों के रूप में मौजूद रहते हैं और गाजे बाजे के साथ नृत्य कर लोंगों का मनोरंजन करते हैं। इनकी कला कौशल देखने के लिए लोग दूर दूर से आते हैं।
लगता है गधा बाजार
दीवाली मेला गधा बाजार के लिए भी प्रसिद्ध है। साल भर में एक बार दीपावली के दिन यहां गधा बाजार लगता है जिसमें दूर दराज के व्यापारी गधों का व्यापार करने के लिए आते हैं। यहां काफी महंगे दामों में गधों की बिक्री होती है। मंदाकिनी नदी में रामघाट के उस पार मैदान में गधे ही गधे दिखाई देते हैं। व्यापारियों में भी यहां अच्छे कस्मि के गधे लाने की होड़ रहती है।