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यूपीः पुलिस के डर से प्रेमी ने नहीं उठाया फोन तो आरती ने दे दी जान, मिले कई प्रेम पत्र

फतेहपुर बुजुर्ग ग्राम पंचायत के मोहद्दीपुर गांव की आरती ने शनिवार शाम फंदा लगाकर जान दे दी। परिजनों ने गांव के ही एक युवक पर छेड़छाड़ से परेशान होकर आरती के जान देने का आरोप लगाया था। पुलिस ने...

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हिन्दुस्तान संवाद ,शाहजहांपुरTue, 17 Oct 2017 06:59 AM
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फतेहपुर बुजुर्ग ग्राम पंचायत के मोहद्दीपुर गांव की आरती ने शनिवार शाम फंदा लगाकर जान दे दी। परिजनों ने गांव के ही एक युवक पर छेड़छाड़ से परेशान होकर आरती के जान देने का आरोप लगाया था। पुलिस ने दावा किया है कि मामला छेड़छाड़ का नहीं, बल्कि प्रेम-प्रसंग का था। पुलिस ने कहा कि आरती जिसे चाहती थी, वह गांव से चला गया था इसलिए उसने सुसाइड कर लिया। आरती के पिता की ओर से पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और तीनों आरोपियों को पुलिस ने पकड़ लिया।

मोहद्दीपुर गांव के नरेश कुमार ने बताया कि उनके गांव का नवीन उसकी नाबालिग पुत्री आरती के साथ आए दिन छेड़छाड़ करता था। आरोप है कि 12 अक्टूबर को आरती जब राजकीय कन्या इंटर कॉलेज से पढ़कर साइकिल द्वारा घर आ रही थी, तभी रास्ते में नवीन ने उसे रोक कर छेड़खानी की। जिससे परेशान होकर आरती ने 14 अक्टूबर की रात फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। मामले की जानकारी होने पर एसपी केबी सिंह ने आरती के गांव पहुंचकर जांच-पड़ताल की और कई लोगों से पूछताछ की। उन्होंने कोतवाल मनोज कुमार को सही जांच कर दोषियों को पकड़ने के कड़े निर्देश रविवार रात में दिए हैं।

कोतवाल मनोज कुमार ने पुलिस टीम के साथ मुख्य आरोपी नवीन को पकड़ लिया। कोतवाल मनोज कुमार ने बताया कि पुलिस को नवीन तथा आरती के घर से कई लेटर भी मिले हैं। कोतवाल ने बताया कि नवीन और आरती का प्रेम-प्रसंग सात महीने से चल रहा था और जिसकी जानकारी दोनों के परिजनों को थी। आरती ने नवीन से शादी करने का भी प्रस्ताव अपने परिजनों के सामने रखा, लेकिन दोनों सजातीय न होने के कारण उनकी शादी परिजनों ने नहीं की। फिलहाल आरती की मौत होने पर पुलिस ने नवीन को हिरासत में ले लिया।

दिल्ली जाकर भी आरती नहीं भुला पाई नवीन को
आरती और नवीन के प्रेम-प्रसंग की जब बात दिल्ली में काम करने वाले आरती के भाई प्रमोद तथा सुरजीत को लगी तो वह दिल्ली से बीती मई को गांव आए और आरती को समझाने का प्रयास किया। आरती जब नहीं मानी तो उसके भाई प्रमोद तथा सुरजीत आरती को अपने साथ दिल्ली ले कर चले गए। पहले तो आरती ने दिल्ली जाने से मना कर दिया, लेकिन जब परिजनों ने दबाव बनाया तो वह दिल्ली चली गई। आरती दिल्ली तो चली गई, लेकिन वह नवीन को नहीं भुला पाई। कोतवाली में नवीन ने बताया कि आरती रोजाना उसके पास चोरी-छुपे परिजनों या फिर अन्य लोगों के मोबाइल से बात करती थी। इसकी भनक आरती के भाइयों को लग गई तो उन्होंने आरती को जमकर डांटा जिसके बाद कुछ दिन तक बात होना बंद हो गई, लेकिन आरती को नवीन की चिंता लगी रही। नवीन ने बताया कि आरती खुद बात नहीं कर सकती थी तो वह अपने अन्य वहां रहने वाले दोस्तों से फोन करा कर उसका हालचाल जान लेती थी।

होली पर हुई प्यार की शुरुआत, दीपावली पर अंत
कोतवाल मनोज कुमार ने बताया कि आरती तथा नवीन के शैक्षिक प्रमाण पत्रों को देखने के बाद पता लगा कि आरती से नवीन 2 साल छोटा है। नवीन ने बताया कि बीती होली को वह आरती के घर की तरफ से निकल रहा था, तभी आरती बाहर थी, जिसके ऊपर उसने रंग डाल दिया था। इसके बाद से ही दोनों में प्यार हो गया और दोनों चोरी छुपे मिलने लगे थे। इसकी भनक आरती के भाइयों को लगी तो उन्होंने कई बार नवीन को सुधर जाने की नसीहत भी दी थी, लेकिन दोनों ने उन की नसीहत को ध्यान नहीं दिया। दोनों ने एक दूसरे को कई प्रेम पत्र लिखे। कोतवाल ने बताया कि कुछ प्रेम पत्र पुलिस ने दोनों के घरों से बरामद भी किया है।



पुलिस के डर से गांव छोड़ कर भाग गया था नवीन
नवीन ने बताया कि 12 अक्टूबर को वह तिलहर में दवाई लेने आया था। दवा लेकर जब वह वापस जा रहा था, तभी रास्ते में उसे स्कूल से पढ़कर आई आरती मिल गई थी। नवीन ने बताया कि इसके बाद दोनों साइकिल से एक साथ बात करते हुए गांव के लिए चल दिए, तभी गांव से पहले राजनपुर रोड पर बहां खड़ी 100 डायल पुलिस को देखकर आरती साइकिल से गांव चली गई। पुलिस ने नवीन को बुलाकर फटकार लगाते हुए उसके परिजनों के फोन नंबर लिए। चर्चा है कि पुलिस ने इसकी शिकायत नवीन तथा आरती के परिजनों से भी की। इसी के बाद नवीन उसी दिन शाम को अपनी बुआ के घर चला गया और आरती से कोई संपर्क नहीं किया। नवीन ने बताया कि आरती का एक बार फोन आया, लेकिन उसने अटेंड नहीं किया। परिजनों के कहने पर सिम को निकाल कर फेंक दिया। नवीन को इसके बाद शनिवार की रात आरती की मौत हो जाने की खबर मिली।



पिता की डांट या नवीन का दूर जाना बना मौत का कारण
कोतवाल मनोज कुमार ने बताया कि 12 अक्टूबर को नवीन अपनी बुआ के यहां चला गया था, जिसके बाद से वह 14 अक्टूबर तक गांव वापस नहीं आया। उन्होंने बताया कि दोनों के प्रसंग को लेकर गांव में चर्चा होने लगी थी, जिस पर 14 अक्टूबर को आरती के पिता नरेश ने आरती को डांटा भी था। कोतवाल ने बताया कि आरती ने पिता की डांट से नाराज होकर या फिर नवीन के दूर जाने को लेकर ही आत्महत्या की है। फिलहाल आरती अपने चार भाइयों के बीच में अकेली बहन थी, जिसकी मौत होने पर चारों भाइयों तथा उनके परिजनों का बुरा हाल बना हुआ है।

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