योगी के 6 महीने: बनाई नई छवि अब नई इबारत लिखने की तैयारी शुरू
उत्तर प्रदेश की सियासत इस समय एक नए तेवर से रूबरू है। गोरक्षपीठ जैसे प्रतिष्ठित मठ से निकल कर प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे योगी आदित्य नाथ सियासत में नया चेहरा भले ही न हों, पर उन्होंने...
उत्तर प्रदेश की सियासत इस समय एक नए तेवर से रूबरू है। गोरक्षपीठ जैसे प्रतिष्ठित मठ से निकल कर प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे योगी आदित्य नाथ सियासत में नया चेहरा भले ही न हों, पर उन्होंने बीते छह महीनों के अपने कार्यकाल में सधी चाल और सीधी बात से फिलहाल विरोधी दलों की धार को कुंद कर रखा है।
नई छवि गढ़ी
भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस नीति, अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश और जनोन्मुखी कार्य संस्कृति की पुरजोर हिमायत कर मुख्यमंत्री ने अपनी एक नई छवि गढ़ी है। विधानसभा चुनावों के पहले प्रदेश की सियासत में योगी आदित्यनाथ को जानने-समझने वाले अभी उनके इस नए तेवर के सियासी मायने समझ-बूझ रहे हैं। उन पर विरोधी दलों ने कुछेक हमलों की कोशिश भी की पर वे तीर उनकी साख, साफ छवि और सख्त रवैये को अभी तक भेद नहीं पाए हैं।
विपक्ष के लिए घेरना आसान नहीं
मुख्यमंत्री कई मौके पर कह चुके हैं कि पिछली सरकारों में भारी वित्तीय अनियमितता और घोटाले किए गए। ऐसा कहते हुए उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह सीधे-सीधे प्रदेश की जनता के धन का दुरुपयोग है। इन घोटालों पर आरोपियों को नहीं बख्शने की चेतावनी देते हुए उन्होंने यह भी जता दिया है कि उन्हें दूसरे सियासतदानों की कमजोरी वाले मुद्दों पर घेरना आसान नहीं है।
नई इबारत लिखने की तैयारी
शायद यही वजह रही कि राजनीति के धुरंधर विपक्षी नेता सरकार को छह महीने का समय देने की बात पर जोर देते रहे हैं। जानकार कहते हैं कि बिना किसी लाग-लपेट के सजगता और नियंत्रण के साथ सरकार चला रहे मुख्यमंत्री प्रशासनिक अनुभव से लैस होते हुए एक नई कार्य संस्कृति के साथ प्रदेश को आगे बढ़ाने की कवायद में जुटे हैं।
वैसे भी, प्रदेश में विपक्षी एकता दूर की कौड़ी लगती है तो जाहिर है कि आगे भी इस सरकार को घेरना आसान न होगा।