विवादः पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल ने यज्ञ में दी आहुति, दी गई हिदायत
वाराणसी में मुस्लिम महिलाओं के आरती एवं पूजा में भाग लेने का मामला अभी थमा नहीं था कि सहारानपुर में पूर्व बसपा एमएलसी हाजी इकबाल के यज्ञ में आहुति देने से विवाद खड़ा हो गया है। यज्ञ में आहुति का फोटो...
वाराणसी में मुस्लिम महिलाओं के आरती एवं पूजा में भाग लेने का मामला अभी थमा नहीं था कि सहारानपुर में पूर्व बसपा एमएलसी हाजी इकबाल के यज्ञ में आहुति देने से विवाद खड़ा हो गया है। यज्ञ में आहुति का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो बहस छिड़ गई है।
पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल का नाम बड़े खनन कारोबारियों में शुमार होता है। उनकी ग्लोकल यूनिवर्सिटी भी है। कई एजेंसियों द्वारा उनकी जांच की जा रही है। हाल में प्रदेश सरकार के रुख को लेकर भी वह खासे सुर्खियों में रहे हैं। ऐसे समय में उनका हवन में भाग लेने का फोटो वायरल होने से कई चर्चाएं छिड़ गई हैं। हाजी इकबाल का कहना है कि भारत सरकार का सर्कुलर आया था कि जितने भी आयुर्वेदिक कॉलेज हैं, उनमें धनतेरस दिन आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाया जाएगा और यज्ञ का आयोजन होगा।
फैकल्टी को सम्मान दिया जाएगा। इसमें चेयरमैन भी शामिल होंगे। इसी सर्कुलर के अनुपालन में वह यज्ञ में शामिल हुए थे। 25 फैकल्टी को उपहार भी दिए थे। बच्चों से कहा भी वह मन लगाकर पढ़ाई करें और देश, परिवार और संस्थान का नाम रोशन करें। फोटो को लेकर सियासत करना या इसे दूसरा रंग देने की कोशिश गलत है।
हाजी इकबाल को तौबा कर पढ़ना होगा कलमा: मुफ्ती आरिफ
आयुर्वेद दिवस पर ग्लोकल यूनिवर्सिटी में पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल भगवान धन्वतंरी की पूजा और हवन किए जाने पर उलेमा ने उन्हें तौबा करने की हिदायत दी है। उलेमा ने कहा है कि इस्लाम में अल्लाह के सिवाय किसी अन्य की इबादत नहीं की जा सकती। वायरल हो रहे फोटो के बाद कुछ लोगों द्वारा दारुल उलूम से इस संबंध में फतवा मांगे जाने की भी सूचना है। हालांकि उलेमा-ए-कराम ने दो टूक कहा कि इस्लाम मजहब में दूसरे मजहब के पेशवाओं की इबादत करने की मनाही है। जो लोग किसी दबाव या अपनी खुशी से ऐसा कर रहे हैं, वह स्वयं इस्लाम मजहब से खारिज हैं।
दारुल इल्म के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती आरिफ कासमी ने कहा कि इस्लाम का कानून पूरी दुनिया में औरत हो या मर्द सबके लिए समान है। जो लोग अल्लाह के सिवा किसी दूसरे मजहब की इबादत करते हैं, वह मजहब से खारिज हैं।