पर्दाफाशः पाक और बांग्लादेश में हाईटेक मशीनों से छापे जा रहे नकली नोट, यूपी में हो रही है खपत
नकली नोटों के सौदागरों के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। अमरोहा के आदमपुर में पकड़े गए नकली नोट प्रिंटर से तैयार फोटोकॉपी नहीं थे बल्कि इन्हें पाकिस्तान और बांग्लादेश में हाईटेक मशीनों से छापा गया...
नकली नोटों के सौदागरों के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। अमरोहा के आदमपुर में पकड़े गए नकली नोट प्रिंटर से तैयार फोटोकॉपी नहीं थे बल्कि इन्हें पाकिस्तान और बांग्लादेश में हाईटेक मशीनों से छापा गया था। तस्करों का नेटवर्क इन्हें पिछले कई महीनों से अमरोहा ही नहीं मुरादाबाद, संभल, बदायूं, बिजनौर, बरेली समेत वेस्ट यूपी और एनसीआर के कई जिलों में खपा रहा था।
अमरोहा के आदमपुर गांव में 17 अक्तूबर को मंगलवार पैंठ में कुछ लोगों ने एक भैंस खरीदी थी। इसके लिए उन्होंने 70 हजार रुपये दिए थे। शाम को भैंस के विक्रेता को नोटों के नकली होने संदेह हुआ तो उसने पुलिस से शिकायत की। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने पांच लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी तस्करों का नेटवर्क खुलता चला गया। शनिवार को भी एटीएस और आईबी समेत कई एजेंसियों ने बरामद नोटों की पड़ताल की।
पुलिस के मुताबिक, आदमपुर से बरामद नोट बांग्लादेश में छापे गए थे और इन्हें मालदा के रास्ते अमरोहा लाया गया था। यह भी पता चला है कि सीमावर्ती मालदा के रास्ते नई नकली करेंसी की बड़ी खेप वेस्ट यूपी में खपाई जा चुकी है। हालांकि पुलिस ने अभी आधिकारिक खुलासा नहीं किया है लेकिन बताया जा रहा है कि आदमपुर नकली नोट मामले में उठाए गए लोगों से पूछताछ के बाद थाना डिडौली क्षेत्र के जोया निवासी एक शातिर को भी पकड़ लिया गया है। वह काफी समय से मालदा स्थित गांव कलिया चक निवासी सप्लायर से नकली नोट वेस्ट यूपी में लाकर खपा रहा था।
जानकारी के अनुसार खुफिया विभाग की टीमों ने बंद कमरे में हिरासत में लिए गए शातिरों से घंटों पूछताछ की और आगे की रणनीति बनाई। पुलिस अमरोहा में दो माह में पकड़े गए नकली नोटों के अन्य सौदागरों से कनेक्शन पर भी काम कर रही है। हालांकि एसपी संतोष मिश्र इस बारे में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए लेकिन यह जरूर कहा कि पुलिस के हाथ बड़ी सफलता लगी है। जल्द ही खुलासा हो जाएगा।
तीन लाख में मिलती थी 15 लाख की नकली करेंसी
पुलिस सूत्रों के मुताबिक नकली करेंसी तैयार करने वाले बदमाश युवाओं को अमीर बनाने का झांसा देकर अपने जाल में फंसा रहे हैं। इसके लिए बड़ी रकम कमाने का लालच दिया जा रहा है। एक पुलिसकर्मी के मुताबिक तीन लाख रुपए में 15 लाख की नकली करेंसी उपलब्ध कराई जाती थी।
पहली बार सामने आए हाईटेक मशीनों पर छपे नकली नोट
पुलिस अफसरों के मुताबिक अब तक जो भी नकली करेंसी बरामद हुई है, वह कंप्यूटर से तैयार प्रिंट थे, जिन्हें साधारण प्रिंटर पर छापा गया था लेकिन आदमपुर पुलिस के खुलासे के बाद जो करेंसी बरामद हुई है। वह बांग्लादेश में हाईटेक प्रिंटर से तैयार हुई है। इसे आसानी से नहीं पकड़ा जा सकता।