रोडवेज की सीट घेरने को करनी पड़ी मशक्कत
भाई और बहन के स्नेह का प्रतीक त्योहार पर रोडवेज के इंतजाम फेल हो गए। अपने भाई के घर पहुंचने में बहनों को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा। बहनों की भीड़ को देखते हुए रोडवेज की बसें कम पड़ गईं। जिसके चलते...
भाई और बहन के स्नेह का प्रतीक त्योहार पर रोडवेज के इंतजाम फेल हो गए। अपने भाई के घर पहुंचने में बहनों को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा। बहनों की भीड़ को देखते हुए रोडवेज की बसें कम पड़ गईं। जिसके चलते बहनों को काफी इंतजार करना पड़ा। एक-एक सीट को लेकर मारा-मारी मची रही।
शनिवार को बहनों की भीड़ के आगे रोडवेज के इंतजाम धरे रह गए। अधिक भीड़ के चलते बसें कम पड़ गईं। बस के आते ही भीड़ सीट को घेरने के लिए महिलाएं दौड़ पड़ती थी। खिड़की के जरिए सामान को अंदर फेंककर सीट घेरने की आपा-धापी देखी गई। उतरने और चढ़ने को लेकर कई बार मुसाफिरों में टकराव की हालत बन गई। जिसे लोगों ने किसी तरह शांत किया। शाम तक रोडवेज बस अड्डे पर भीड़ रही।
रोडवेज के इंतजाम हो गए फेल
-परिवहन निगम ने मुसाफिरों के लिए बसें उपलब्ब्ध कराने का दावा किया था, लेकिन विभाग के सारे दावे फेल साबित हो गए। बसों को लेकर मारा-मारी मची रही। कई रूटों के लिए रोडवेज की बसें नहीं मिलीं, जिसके चलते लोग बसों का इंतजार करते दिखे। वहीं पर्याप्त बसें नहीं होने से लोगों को काफी दुश्वारियाें का सामना करना पड़ा।
डग्गामार वाहनों ने की मनमानी
=रोडवेज बसों के कम पड़ने की वजह से डग्गामार वाहनों ने चांदी काटी। उन्होंने जमकर मनमाने रूपयों को वसूल किया। सवारियां को बैठाने में कोई कमी नहीं की। वाहनों में ठूंस-ठूंसकर सवारियों को बैठाया। उनसे अपनी मर्जी से किराया भी वसूल किया। सवारी नहीं मिलने की वजह से याित्रयों ने बहस भी नहीं की।