कफन के लिए नहीं थे रुपये, जीआरपी सिपाहियों ने किया चंदा
दिल्ली से बिहार जाते समय श्रमजीवी एक्सप्रेस में बीमारी से मरने वाले 15 वर्षीय किशोर के कफन के लिए परिजनों के पास रुपये नहीं थे। उनकी मदद के लिए जीआरपी आगे आई, लिहाजा आपस में चंदा कर परिजनों को दिया...
दिल्ली से बिहार जाते समय श्रमजीवी एक्सप्रेस में बीमारी से मरने वाले 15 वर्षीय किशोर के कफन के लिए परिजनों के पास रुपये नहीं थे। उनकी मदद के लिए जीआरपी आगे आई, लिहाजा आपस में चंदा कर परिजनों को दिया गया, तब किशोर का अंतिम संस्कार किया गया। नालंदा बिहार के थाना दीपनगर के ग्राम संगतसर निवासी राजू मुसहर 15 अपने दोस्त बागेश व सगेश कुमार के साथ श्रमजीवी एक्सप्रेस में सवार हुआ था। बीमारी के चलते मुरादाबाद स्टेशन के पास उसकी मौत हो गई। राजू की लाश ने 175 किमी का सफर टे्रन से किया। रामपुर और बरेली में उसकी लाश को नहीं उतारा गया। रात में शाहजहांपुर जीआरपी ने लाश को उतरवाया। एसओ विजय बहादुर वर्मा ने परिजनों से संपर्क किया। मृतक के दादा व ममेरे भाई सुरेश व सुनील उन्नाव से आए। यह तीनों भट्टे पर नौकरी करते हैं। चूंकि, शिनाख्त होने के बाद परिजनों को खर्च उठाना पड़ता है। परिजनों से कफन लाने के लिए कहा गया। उन्होंने हाथ खड़े कर दिए। बोले-हमारे पास रुपये नहीं हैं। इसके बाद जीआरपी के सिपाहियों व एसओ ने आपस में चंदा कर परिजनों को रुपये दिए। पोस्टमार्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार करा दिया गया।