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तहसीलदार के सामने आग लगाने वाले किसान की मौत

जमीन के विवाद में तहसीलदार के सामने खुद को आग के हवाले करने वाला किसान मौत से जंग हार गया। 22 दिन तक मौत से लड़ने के बाद गुरुवार को जितेंद्र ने दम तोड़ दिया। वह करीब 90 फीसदी झुलस गया था। इसके बाद उसे...

तहसीलदार के सामने आग लगाने वाले किसान की मौत
हिन्दुस्तान टीम,सहारनपुरFri, 22 Sep 2017 12:44 AM
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जमीन के विवाद में तहसीलदार के सामने खुद को आग के हवाले करने वाला किसान मौत से जंग हार गया। 22 दिन तक मौत से लड़ने के बाद गुरुवार को जितेंद्र ने दम तोड़ दिया। वह करीब 90 फीसदी झुलस गया था। इसके बाद उसे दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया। गांव शब्बीरपुर निवासी किसान जितेंद्र ने 31 अगस्त को रामपुर मनिहारान तहसीलदार रमेश चंद्र के सामने ही खुद को आग के हवाले कर दिया था। 90 फीसदी तक झुलसे किसान को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां से उसको दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया। अस्पताल में किसान 22 दिन तक जिंदगी और मौत से जंग लड़ता रहा। आखिरकार 22वें दिन उसकी मौत हो गई। किसान की मौत की खबर सुनते ही परिवार को कोहराम मच गया। जितेंद्र ही अपने परिवार का मुखिया था। पूरा परिवार जितेंद्र के ही पीछे खड़ा था। मुंहबोली बहन से था जमीन का विवाद जितेंद्र का परिवार एक अनाथ बच्ची को अपने साथ ले आया था। बच्ची को पालकर बड़ा किया, पढ़ाया-लिखाया और फिर उसकी शादी की। जितेंद्र के ताऊ निसंतान थो। वह बच्ची अधिकतर समय ताऊ के साथ ही रहती थी। शादी के बाद मुंहबोली बहन ने ताऊ की जमीन पर हक जमाकर कोर्ट में केस कर दिया। मुंहबोली बहन से केस हारने के बाद ही किसान जितेंद्र ने आत्मघाती कदम उठाया। किसान ने इस प्रकरण में तहसीलदार रमेश चंद्र पर पक्षपात के आरोप लगाए थे।

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