शरमाएं नहीं, घर से ही करें सफाई की शुरुआत
सफाई का मतलब महज घर व आसपास झाडू लगाना नहीं है, बल्कि मन व विचारों को स्वच्छ करना भी आवश्यक है। खुद को सुधारने के बाद ही हम किसी को उस कार्य के लिए प्रेरित कर सकते हैं। घर से लेकर प्रदेश व देश तक को...
सफाई का मतलब महज घर व आसपास झाडू लगाना नहीं है, बल्कि मन व विचारों को स्वच्छ करना भी आवश्यक है। खुद को सुधारने के बाद ही हम किसी को उस कार्य के लिए प्रेरित कर सकते हैं। घर से लेकर प्रदेश व देश तक को स्वच्छ बनाना है तो शर्म छोड़कर इसकी शुरुआत अपने घर से करनी होगी। बच्चों में शुरुआत से ही सफाई की आदत डालनी होगी। आगे चलकर बच्चों के लिए यह परम्परा बन जाएगी। सोमवार को ‘हिन्दुस्तान कार्यालय में ‘मां कसम हिन्दुस्तान स्वच्छ रखेंगे हम विषय पर आयोजित संवाद में रिटायर सरकारी अधिकारी, कर्मचारी व वरिष्ठजनों ने स्वच्छता पर अपने विचार साझा किए। आसपास सफाई रखने का संकल्प भी लिया।सबने एक स्वर से कहा कि सफाई ऐसा कार्य है कि इसकी शुरुआत से तस्वीर बदली जा सकती है। वक्ताओं ने ऐसे सुझाव भी रखे जिसके जरिए स्वच्छता अभियान को आसानी से रफ्तार दी जा सके। घर की रसोई से लेकर खलिहान तक की सफाई पर विचार रखे गए। खुले में शौच जाने से लेकर रास्ते में कूड़ा फेंकने तक की समस्या के निदान पर चर्चा की गई। लोगों ने माना कि इस अभियान को सफल बनाने अर्थात पूरे देश को साफ-सुथरा करने में प्रत्येक व्यक्ति की भूमिका है। उसे पूरी ईमानदारी से निभाने की आवश्यकता है।