विकास भवन में दस लिपिकों के ट्रांसफर, कुछ पर रहम
विकास भवन की ट्रांसफर नीति में बहुत बडा झोल है। पिछले कई वर्षों से एक ही पटल पर काम कर रहे दस लिपिकों को ट्रांसफर कर दिया गया, लेकिन इस प्रक्रिया में कुछ बाबूओं पर रहम करते हुए छोड दिया गया। उक्त...
विकास भवन की ट्रांसफर नीति में बहुत बडा झोल है। पिछले कई वर्षों से एक ही पटल पर काम कर रहे दस लिपिकों को ट्रांसफर कर दिया गया, लेकिन इस प्रक्रिया में कुछ बाबूओं पर रहम करते हुए छोड दिया गया। उक्त लिपिक विकास भवन में चर्चा का पात्र बने हुए है। पूर्व में भी यह ट्रांसफर प्रक्रिया अपनाई गई थी, लेकिन बाद में उक्त लिपिकों को वापस उसी पटल पर बुलाया लिया गया। कमोबेश यही स्थिति कलक्ट्रेट में भी है जहां कई कई वर्षो से बाबू एक ही पटल पर जमे हुए हैं। विकास भवन में पिछले तीन वर्षों से एक ही पटल पर जमे जिला विकास अधिकारी मोती लाल व्यास ने दस लिपिकों का ट्रासंफर किया है। लिपिक अशरफ अली प्रधान सहायक को स्थापना से सीडीओ कार्यालय में सम्बद्ध किया गया है। सविता रानी प्रधान सहायक को सहकारिता से स्थापना अनुभाग, संजय कुमार जैन वरिष्ठ सहायक को पशुपालन से मनरेगा, कुसुम रानी वरिष्ठ सहायक को सहकारिता से कृषि, लियाकत अली उर्दू अनु. सह. प्रधान सहायक को समग्र विकास कार्यक्रम से बैठक प्रकोष्ठ, धूम सिंह त्यागी वरिष्ठ सहायक को पशुपालन, अमरीश कुमार को जनवाणी संदर्भ, भीम सैन पाल वरिष्ठ सहायक सीडीओ कार्यालय से सहकारिता अनुभाग, अर्चना गोयल कनिष्ठ सहायक को पत्र प्राप्ति से समस्त अनुपालन आख्या दैनिक परिवाद, इरफान अहमद उर्दू अनु. सह. प्रधान सहायक को डीआरडीए से पत्र प्राप्ति पटल पर ट्रांसफर किया गया है। इस प्रक्रिया में अभी कई लिपिक रह गये है, जिनका ट्रांसफर नहीं किया गया है। पूर्व में तत्कालीन सीडीओ ने भी इन लिपिकों का ट्रांसफर अन्य विभाग में किया था, लेकिन एक दो माह बाद उक्त लिपिक वापस उसी पटल पर आ गये थे। कमोबेश यही स्थिति कलक्ट्रेट में भी है। जहां मनचाही सीटों पर बाबू जमे हुए हैं।